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प्यार में डूबे मौसी-भांजा, परिवार के विरोध करने पर गंगा में लगाई छलांग

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Mirzapur News

Mirzapur News: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से एक दर्दनाक घटना सामने आई है , जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है. यहां एक युवक-युवती ने अपने परिवारों के विरोध के चलते गंगा नदी में छलांग लगा दी. दोनों ने शास्त्री पुल पर अपना सामान रखा और हाथ पकड़कर नदी में कूद गए. यह घटना मंगलवार की है और तीन दिन बीत जाने के बाद भी दोनों का कोई सुराग नहीं मिला है. 

पुलिस के अनुसार , युवक का नाम निखिल कुमार 22 वर्ष है , जबकि युवती का नाम कीर्ति चौहान है , जो आर्य कन्या स्कूल में कक्षा 11 की छात्रा थी. दोनों रिश्ते में मौसी-भांजे लगते थे. यही वजह थी कि परिवार ने उनके रिश्ते का विरोध किया. निखिल गुजरात की एक निजी कंपनी में नौकरी करता था और हाल ही में घर लौटा था. वह अपने परिवार का एकमात्र सहारा था. वहीं , कीर्ति अभी पढ़ाई कर रही थी और उसका भविष्य उज्ज्वल माना जा रहा था.

छलांग से पहले निखिल का आखिरी कॉल 

घटना से ठीक पहले निखिल ने अपनी मां को फोन किया. फोन पर उसने कहा , ‘मैं कीर्ति के बिना जी नहीं सकता. हम साथ जिएंगे और साथ मरेंगे.’ इतना कहने के बाद उसने कॉल काट दिया. इसके बाद दोनों ने गंगा में छलांग लगा दी. 

परिवारों का विरोध और विवाद 

जानकारी के अनुसार, निखिल के परिवार ने बाद में इस रिश्ते को मान लिया था , लेकिन कीर्ति के परिवार ने सख्ती से इसका विरोध किया. लड़की के घरवालों ने न सिर्फ उनकी मुलाकातों पर रोक लगा दी थी बल्कि रिश्ते को नामंजूर कर दिया था. यहां तक कि निखिल पर आरोप है कि उसे कई बार कीर्ति के परिजनों ने पीटा भी था. परिवारों के बीच लगातार बढ़ते तनाव ने आखिरकार इस दुखद कदम को जन्म दिया. 

खोज में जुटी पुलिस और SDRF 

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग पुलिस को खबर देने पहुंचे. तुरंत SDRF और गोताखोरों की टीम गंगा में उतारी गई. लेकिन तीन दिन बाद भी दोनों का कोई अता-पता नहीं चल सका है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नितेश सिंह ने बताया कि सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है और टीम हर संभव प्रयास कर रही है कि दोनों को ढूंढा जा सके.

इलाके में सनसनी और शोक

मिर्जापुर की यह घटना अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है. लोग इसे एक ट्रैजिक लव स्टोरी बता रहे हैं , जिसमें सामाजिक बंधनों और पारिवारिक विरोध ने दो मासूम जिंदगियों को नदी की लहरों में बहा दिया. निखिल के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है , क्योंकि वह घर का इकलौता कमाने वाला था. वहीं , कीर्ति के परिवार को अब पछतावा सताने लगा है कि कहीं उनके इनकार ने ही बेटी की जान तो नहीं ले ली.

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