ऑपरेशन सिंदूर को लेकर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि 9 और 10 मई की रात भारतीय वायुसेना पूरी तरह तैयार थी और चाहती तो आगे भी हमले कर सकती थी, लेकिन उद्देश्य पहले ही पूरा हो चुका था. उन्होंने इसे भारत की ‘कॉनफ्लिक्ट टर्मिनेशन’ रणनीति का हिस्सा बताया और कहा कि इस ऑपरेशन ने यह धारणा तोड़ दी कि एयर पावर का इस्तेमाल हमेशा युद्ध को भड़का देता है.
लक्ष्य पूरा होते ही ऑपरेशन रोका
एयर चीफ ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्रों में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया. शुरुआती हमलों में ही भारतीय वायुसेना ने अपना मकसद पूरा कर लिया था. उन्होंने कहा कि ‘हम उस रात और आगे बढ़ सकते थे, लेकिन हमारी नीयत युद्ध को लंबा खींचने की नहीं थी. जब लक्ष्य हासिल हो जाए तो संघर्ष को खत्म करना ही सबसे बेहतर फैसला होता है.’
सोशल मीडिया की राय पर दिया जवाब
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा था कि भारत को पाकिस्तान पर हमले जारी रखने चाहिए थे. इस पर एयर चीफ ने जवाब दिया कि यह कहना आसान है लेकिन व्यावहारिक नहीं. उन्होंने कहा ‘जब एक युद्ध अपने मकसद तक पहुंच चुका हो तो उसे बेवजह बढ़ाना सही नहीं. असली ताकत वहीं है जब आप तय समय पर सही निर्णय लें.’
एयर पावर की अहमियत
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए यह मिथक तोड़ दिया कि हवाई ताकत का इस्तेमाल हमेशा हालात को बिगाड़ देता है. उन्होंने कहा ‘एयर पावर को अब सिर्फ डिफेंसिव तरीके से नहीं बल्कि ऑफेंसिव रूप में इस्तेमाल करना होगा. चाहे आज का युद्ध हो या कल का, वायु शक्ति की भूमिका लगातार बढ़ती जाएगी.’
टेक्नोलॉजी और रणनीति की भूमिका
एयर चीफ ने माना कि तकनीक ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में निर्णायक भूमिका निभाई. भारत ने 7 मई को हमला शुरू किया था और चार दिन तक चले संघर्ष के बाद 10 मई को युद्धविराम की स्थिति बनी. भारत की जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान को मजबूर कर दिया कि वह सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमत हो. सिंह ने कहा कि भविष्य में भी भारत को एयर और स्पेस डोमेन में तकनीकी बढ़त हासिल करनी होगी.