Jharkhand Metro Project: झारखंड के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर केंद्र सरकार ने रांची, जमशेदपुर और धनबाद में मेट्रो रेल परियोजना के लिए नया कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) मांगा है. इस पहल के बाद राज्य में मेट्रो ट्रेन चलने की उम्मीद और मजबूत हो गई है.
दरअसल, 10 जुलाई को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में सीएम सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से रांची में मेट्रो रेल की मांग उठाई थी. इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र को एक दशक पुराना सीएमपी भेजा, लेकिन केंद्र ने इसे मौजूदा परिस्थितियों के हिसाब से अनुपयुक्त माना. अब केंद्र ने नया सीएमपी तैयार करने को कहा है.
नया प्लान बनाने का निर्देश
सीएम सोरेन ने तुरंत नगर विकास एवं आवास विभाग को नया प्लान बनाने का निर्देश दिया और विभाग ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी कर दिया है. नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने बताया कि डेढ़ से दो माह के भीतर केंद्र को नया सीएमपी सौंप दिया जाएगा. माना जा रहा है कि इसके बाद मेट्रो परियोजना को लेकर औपचारिक प्रक्रियाएं शुरू होंगी.
क्या होता है सीएमपी?
सीएमपी एक आधारभूत दस्तावेज होता है, जिसमें शहर की यातायात स्थिति, ट्रैफिक दबाव, सार्वजनिक परिवहन, प्रदूषण स्तर और भविष्य की आवश्यकताओं का विस्तृत विश्लेषण किया जाता है. इसी के आधार पर तय होता है कि मेट्रो किन रूटों पर उपयुक्त होगी और परियोजना आर्थिक रूप से कितनी व्यवहार्य है. मेट्रो रेल परियोजना न केवल शहरों की कनेक्टिविटी बढ़ाएगी, बल्कि भीड़ प्रबंधन, ट्रैफिक जाम और प्रदूषण जैसी बड़ी समस्याओं को भी दूर करेगी. बिजली से चलने वाली मेट्रो शून्य-उत्सर्जन परिवहन साधन है, जो पर्यावरण को भी सुरक्षित रखेगी. इससे पेट्रोल-डीजल वाहनों की निर्भरता घटेगी और ऊर्जा खपत कम होगी.
मेट्रो की खासियत
मेट्रो की सबसे बड़ी खासियत तेज और आरामदायक यात्रा है. यह समय की बचत करती है और एक साथ बड़ी संख्या में यात्रियों को सफर की सुविधा देती है. इसके जरिए शहरी क्षेत्रों में विश्वसनीय और आधुनिक सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध होगा, जिससे लोगों की जीवनशैली पर सकारात्मक असर पड़ेगा. झारखंड के तीनों बड़े शहरों में मेट्रो का परिचालन राज्य के शहरी विकास को नई दिशा देगा. अब नजर केंद्र द्वारा मांगे गए नए सीएमपी पर है, जिसके आधार पर इस महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत होगी.