Independence Day 2025: 79वां स्वतंत्रता दिवस करीब है और देशभर में देशभक्ति का उत्साह अपने चरम पर है. इस बार भी हर घर तिरंगा अभियान के तहत गली-गली, मोहल्लों और घर-घर में तिरंगा फहराने की तैयारियां जोरों पर हैं. तिरंगा केवल एक कपड़ा नहीं, बल्कि यह भारत की आज़ादी, एकता और गौरव का प्रतीक है. लेकिन, इसे फहराने से पहले यह जानना जरूरी है कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज के लिए एक तय आचार संहिता है, जिसका पालन हर नागरिक पर अनिवार्य है. गलत तरीके से तिरंगा फहराना न सिर्फ अनुचित है, बल्कि यह कानून के तहत दंडनीय भी है.
भारतीय ध्वज संहिता 2002 में राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन, उपयोग और देखभाल से जुड़े नियम विस्तार से बताए गए हैं. इसमें यह स्पष्ट है कि तिरंगा कैसे फहराना चाहिए, किन परिस्थितियों में इसे नहीं फहराना चाहिए, और समारोह के बाद इसे सम्मानपूर्वक कैसे सुरक्षित रखना है. इस स्वतंत्रता दिवस पर अगर आप गर्व से तिरंगा लहराना चाहते हैं, तो इन नियमों को ज़रूर अपनाएं.
तिरंगा फहराने से जुड़े प्रमुख नियम
आकार और अनुपात – राष्ट्रीय ध्वज हमेशा आयताकार होना चाहिए. इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 रहना अनिवार्य है. आकार भले अलग हो सकता है, लेकिन अनुपात में बदलाव नहीं होना चाहिए.
कपड़े का चुनाव – तिरंगा हाथ से बुने या हाथ से काते कपड़ों जैसे खादी, रेशम, ऊन, सूती या पॉलिएस्टर से बनाया जा सकता है. दिसंबर 2021 से मशीन से बने तिरंगे को भी अनुमति दी गई है.
कौन फहरा सकता है – कोई भी भारतीय नागरिक, निजी संगठन या शैक्षणिक संस्थान वर्ष के किसी भी दिन राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है, बशर्ते यह पूरे सम्मान और गरिमा के साथ किया जाए.
समय सीमा – जुलाई 2022 में किए गए संशोधन के बाद तिरंगा अब दिन और रात, दोनों समय फहराया जा सकता है. हालांकि, रात में फहराने पर उस पर पर्याप्त रोशनी होना जरूरी है.
















