30 दिन से अधिक जेल में रहने वाले मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री की कुर्सी छिनने संबंधी विधेयक पर चर्चा के बीच राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. गृह मंत्री अमित शाह ने अरविंद केजरीवाल पर सीधा निशाना साधा है, जिस पर आप प्रमुख ने भी तुरंत पलटवार किया है. केजरीवाल ने न सिर्फ अपनी जेल वाली सरकार की उपलब्धियां गिनाईं, बल्कि शाह से सवाल किया कि गंभीर मामलों में आरोपियों को पार्टी में शामिल करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए.
गृह मंत्री अमित शाह ने एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि जो नेता पांच साल से अधिक की सजा वाले केस में जेल जाते हैं और 30 दिन में बेल नहीं पाते, उन्हें पद से हटाना जरूरी है. शाह ने उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ मुख्यमंत्री जेल जाकर भी पद नहीं छोड़ते, इसलिए यह कानून लाना पड़ा. उन्होंने कहा कि यह किसी छोटे-मोटे आरोप पर नहीं बल्कि गंभीर अपराध या भ्रष्टाचार में फंसे नेताओं पर लागू होगा.
केजरीवाल ने किया पलटवार
अमित शाह की टिप्पणी के बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए पलटवार किया है. इसके साथ ही उन्होंने दो सवाल भी उठाए हैं. पहला- अगर कोई नेता गंभीर आरोपियों को अपनी पार्टी में शामिल करके उनके केस खत्म करवा दे और उन्हें मंत्री या मुख्यमंत्री बना दे, तो क्या ऐसे प्रधानमंत्री या मंत्री को भी पद से हटना चाहिए?. दूसरा- अगर किसी पर झूठा केस लगाकर जेल भेजा जाए और बाद में वह निर्दोष साबित हो, तो ऐसे झूठा केस लगाने वाले मंत्री को कितनी सजा मिलनी चाहिए?.
जेल वाली सरकार की तारीफ
केजरीवाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि उन्होंने 160 दिन जेल से रहकर भी दिल्ली की सरकार चलाई और लोग आज उस सरकार को याद कर रहे हैं. उनका दावा है कि उनकी जेल वाली सरकार में न बिजली कटती थी, न पानी की किल्लत थी. मोहल्ला क्लिनिक और अस्पतालों में मुफ्त दवाइयां व टेस्ट मिलते थे. स्कूलों को मनमानी की छूट नहीं थी और बारिश में दिल्ली की सड़कों पर इतना बुरा हाल नहीं होता था.
दिल्ली के मौजूदा हालत पर निशाना
अरविंद केजरीवाल ने मौजूदा भाजपा शासित दिल्ली सरकार पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पिछले सात महीनों में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि लोग अब उस जेल वाली सरकार को बेहतर मान रहे हैं. उन्होंने तंज कसा कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उन्हें शराब घोटाले के झूठे केस में जेल भेजा गया, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने कामकाज संभालकर दिखाया. उनका कहना है कि मौजूदा सरकार ने दिल्ली को अव्यवस्था और कुप्रबंधन में धकेल दिया है.