Job Hugging: आजकल लोग आसानी से क्यों नहीं छोड़ पा रहे नापसंद जॉब? जानिए कारण और असर

लगातार तनाव, असंतोष और असुरक्षा मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है. जॉब हगिंग करने वाले लोगों में चिंता और डिप्रेशन की समस्या अधिक देखने को मिलती है.

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Job Hugging: आजकल कॉर्पोरेट दुनिया में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है जॉब हगिंग. इसका मतलब है नौकरी से नाखुश होने के बावजूद उसी से चिपके रहना. कई कर्मचारी अपने काम से संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन फिर भी उसे छोड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाते. वजह साफ है आर्थिक अस्थिरता, लगातार बढ़ती छंटनी और नई नौकरी ढूंढ़ने का डर. यही कारण है कि लोग अपने करियर को आगे बढ़ाने की बजाय सुरक्षित दायरे में ही रहना पसंद कर रहे हैं.

विशेषज्ञों के मुताबिक, यह ट्रेंड तेज़ी से बढ़ रहा है. अमेरिकी श्रम विभाग की रिपोर्ट बताती है कि 2024 में नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों की संख्या पिछले वर्षों के मुकाबले कम रही. इससे स्पष्ट है कि आज की जेनरेशन पहले की तरह करियर में रिस्क नहीं लेना चाहती. दरअसल, यह मानसिकता धीरे-धीरे व्यक्ति के आत्मविश्वास और करियर ग्रोथ दोनों को प्रभावित करती है.

नौकरी से चिपके रहने की आदत

जॉब हगिंग का मतलब है नौकरी छोड़ने का डर. यह उन लोगों में देखा जाता है जो अपनी नौकरी से खुश नहीं होते, लेकिन फिर भी उसी से जुड़े रहते हैं. वे मानते हैं कि नौकरी छोड़ना बहुत बड़ा रिस्क है, खासकर तब जब आर्थिक माहौल अस्थिर हो.

ज्यादा जिम्मेदारियां लेने का दबाव

कई बार कर्मचारी अपनी अहमियत साबित करने के लिए जरूरत से ज्यादा काम ले लेते हैं. उन्हें डर होता है कि अगर वे ‘ना’ कहेंगे तो उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है. यही मानसिकता उन्हें तनाव और असंतोष की ओर धकेलती है.

सालों तक एक ही कंपनी में बने रहना

जॉब हगिंग का एक और पहलू यह है कि लोग वर्षों तक एक ही कंपनी में टिके रहते हैं. यह उनकी पसंद का नहीं बल्कि डर का नतीजा होता है. उन्हें लगता है कि बाहर की दुनिया में उन्हें उतनी सुरक्षा और स्थिरता नहीं मिलेगी.

नए अवसरों से दूरी

जब नई परियोजनाएं या जिम्मेदारियां सामने आती हैं, तो जॉब हगिंग करने वाले लोग उनसे बचते हैं. बदलाव से उन्हें खतरा महसूस होता है. वे अपने आरामदायक दायरे से बाहर नहीं निकलना चाहते.

करियर ग्रोथ से ज्यादा सुरक्षा चुनना

जॉब हगिंग की सबसे बड़ी पहचान यह है कि व्यक्ति ग्रोथ के बजाय सुरक्षा को चुनता है. वे नई स्किल्स सीखने या प्रमोशन पाने के अवसरों से भी दूर भागते हैं, क्योंकि उन्हें असफलता का डर रहता है.

आत्मविश्वास पर असर

नौकरी से चिपके रहने की आदत धीरे-धीरे आत्मविश्वास को कम करती है. जब व्यक्ति खुद को चुनौती नहीं देता, तो उसका आत्मविश्वास और सीखने की क्षमता कमजोर हो जाती है.

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

लगातार तनाव, असंतोष और असुरक्षा मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है. जॉब हगिंग करने वाले लोगों में चिंता और डिप्रेशन की समस्या अधिक देखने को मिलती है.

क्या है समाधान?

विशेषज्ञ कहते हैं कि कर्मचारियों को अपनी प्राथमिकताओं को समझना चाहिए. आत्मविश्वास के साथ नए अवसरों को अपनाना और लगातार नई स्किल्स सीखना जरूरी है. इससे न केवल करियर में ग्रोथ मिलेगी बल्कि मानसिक शांति भी बनी रहेगी. जॉब हगिंग आज के समय की वास्तविकता है, लेकिन यह लंबे समय में करियर को ठहराव की ओर ले जाता है. अगर आप भी अपनी नौकरी से नाखुश हैं, तो धीरे-धीरे बदलाव की ओर कदम बढ़ाना ही सही रास्ता है.

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