अमेरिका और भारत के बीच रिश्ते लगातार नए मुकाम हासिल कर रहे हैं. इस कड़ी में एक बड़ा कदम तब सामने आया जब अमेरिकी सीनेट की विदेशी संबंध समिति में भारत के लिए नामित नए राजदूत सर्जियो गोर को पेश किया गया. इस मौके पर अमेरिकी सीनेटर मार्को रूबियो ने साफ कहा कि भारत आज अमेरिका के लिए शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है और दोनों देशों की साझेदारी भविष्य की वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था को आकार देगी.
भारत-अमेरिका रिश्तों पर जोर
रूबियो ने कहा कि आज के दौर में भारत और अमेरिका का रिश्ता दुनिया में सबसे अहम है. उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच सहयोग न सिर्फ द्विपक्षीय स्तर पर बल्कि वैश्विक परिदृश्य को प्रभावित करने वाला है. रूबियो ने कहा कि हम एक ऐसे दौर से गुजर रहे हैं जहां अमेरिका-भारत के संबंध असाधारण परिवर्तन के दौर में हैं.
सर्जियो गोर का नामांकन
पिछले महीने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 38 वर्षीय सर्जियो गोर को भारत का अगला अमेरिकी राजदूत और दक्षिण व मध्य एशिया के लिए विशेष दूत नामित किया था. गोर वर्तमान में राष्ट्रपति के कार्मिक निदेशक हैं और ट्रंप प्रशासन में उनकी भूमिका बेहद अहम रही है. अगर उनका नामांकन मंजूर होता है तो वे भारत में तैनात होने वाले सबसे युवा अमेरिकी राजदूत बन जाएंगे.
इंडो-पैसिफिक में भारत की अहमियत
रूबियो ने अपने संबोधन में कहा कि 21वीं सदी की कहानी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में लिखी जाएगी और इसमें भारत की भूमिका बेहद अहम है. उन्होंने कहा कि इसी महत्व को देखते हुए अमेरिका ने अपनी सैन्य कमान का नाम भी ‘इंडो-पैसिफिक कमांड’ रखा है. रूबियो ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका को भारत के साथ मिलकर कई गंभीर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर काम करना होगा, जिनमें यूक्रेन युद्ध और एशिया क्षेत्र की बदलती परिस्थितियां शामिल हैं.
गोर पर भरोसा और अपेक्षाएं
रूबियो ने सर्जियो गोर को राष्ट्रपति ट्रंप के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक बताते हुए कहा कि वे सीधे राष्ट्रपति से संवाद कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि गोर की नियुक्ति इसलिए भी जरूरी है ताकि भारत में अमेरिकी दूतावास का नेतृत्व कोई ऐसा व्यक्ति करे जिसे राष्ट्रपति का पूरा विश्वास हासिल हो. रूबियो ने उम्मीद जताई कि गोर भारत-अमेरिका साझेदारी को नए स्तर तक ले जाएंगे.