भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक, तकनीकी और रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने की तैयारी है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीयर स्टारमर 8-9 अक्टूबर को भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर होंगे. यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रहा है, जिसमें दोनों देशों के बीच हुए CETA व्यापार समझौते और ‘विजन 2035’ रोडमैप को आगे बढ़ाने पर फोकस रहेगा. यह मुलाकात भारत-यूके संबंधों को अगले दशक के लिए नई दिशा देने वाली मानी जा रही है.
‘विजन 2035’ रोडमैप पर होगी बड़ी समीक्षा
दो दिन की इस यात्रा के दौरान मोदी और स्टारमर ‘विजन 2035’ की प्रगति पर चर्चा करेंगे. यह दस साल की रणनीतिक योजना है, जो व्यापार, निवेश, रक्षा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा और जलवायु जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित है. मुंबई में दोनों नेता उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से मिलेंगे और भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (CETA) से जुड़ी संभावनाओं पर चर्चा करेंगे. दोनों देश ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में भी हिस्सा लेंगे, जहां वे इनोवेशन और नीति निर्माण पर विचार साझा करेंगे.
मोदी की जुलाई यात्रा पर आगे बढ़ेगा एजेंडा
यह दौरा प्रधानमंत्री मोदी की जुलाई 2025 में हुई ब्रिटेन यात्रा के बाद हो रहा है, जब उन्होंने प्रधानमंत्री स्टारमर से चेकर्स में मुलाकात की थी. उसी दौरान दोनों देशों ने डिफेंस इंडस्ट्रियल रोडमैप पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें रक्षा उत्पादों के संयुक्त विकास और उत्पादन पर जोर दिया गया था. मोदी ने उस यात्रा में किंग चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात की थी और पर्यावरण पहल ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत पौधा भेंट किया था. अब स्टारमर की यह यात्रा उस कूटनीतिक तालमेल को नई मजबूती देने वाली मानी जा रही है.
CETA से खुले व्यापार के नए द्वार
भारत और ब्रिटेन ने जुलाई 2025 में ऐतिहासिक CETA समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इस समझौते के तहत भारतीय निर्यातकों को ब्रिटेन में 99% तक उत्पादों पर शुल्कमुक्त पहुंच मिलेगी, जबकि ब्रिटेन के 90% उत्पादों पर भारत में टैरिफ खत्म होगा. दोनों देशों का लक्ष्य 2030 तक आपसी व्यापार को दोगुना करना है. इस समझौते से वस्त्र, चमड़ा, मरीन प्रोडक्ट्स, जेम्स-एंड-ज्वेलरी, ऑटो पार्ट्स और ऑर्गेनिक केमिकल्स जैसे सेक्टरों में जबरदस्त वृद्धि की उम्मीद है. साथ ही, भारतीय आईटी, फाइनेंशियल, एजुकेशनल और योगा प्रोफेशनल्स को ब्रिटेन में सरल वीजा और बेहतर एक्सेस मिलेगा.
भारत-यूके रिश्तों में नई उड़ान की तैयारी
विशेषज्ञों का मानना है कि कीयर स्टारमर की यह यात्रा भारत-यूके संबंधों के लिए ‘ट्रेड से आगे की साझेदारी’ का प्रतीक होगी. दोनों देश न केवल व्यापारिक बल्कि तकनीकी, रक्षा और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी गहरे सहयोग की ओर बढ़ रहे हैं. यूनियन कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा था कि CETA ‘दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच ऐतिहासिक मील का पत्थर’ है. अब उम्मीद है कि यह दौरा दोनों देशों के बीच निवेश, स्टार्टअप, एमएसएमई और इनोवेशन सहयोग को नई दिशा देगा.