माउंट एवरेस्ट के तिब्बती हिस्से में आए बर्फीले तूफान में फंसे 1000 लोग, बचाव अभियान जारी

माउंट एवरेस्ट के तिब्बती हिस्से में भीषण बर्फीले तूफान ने हालात बिगाड़ दिए हैं. लगभग 1,000 लोग बर्फ में फंसे हुए हैं, जबकि बचाव दल लगातार राहत कार्यों में जुटे हैं.

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दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट एक बार फिर प्रकृति के कहर की गवाह बन गई है. तिब्बत की ओर से आने वाले भीषण बर्फीले तूफान ने हजारों लोगों को पहाड़ की बर्फ में कैद कर दिया है. शुक्रवार शाम से शुरू हुआ यह बर्फीला तूफान लगातार तेज होता जा रहा है. स्थानीय प्रशासन ने तुरंत टिकट बिक्री रोक दी है और पर्यटक क्षेत्र में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तिब्बत के पूर्वी हिस्से में लगभग 4,900 मीटर यानी करीब 16,000 फीट की ऊंचाई पर फंसे लोगों को निकालने के लिए सैकड़ों स्थानीय नागरिकों और बचावकर्मियों को तैनात किया गया है. भारी बर्फबारी के चलते रास्ते पूरी तरह अवरुद्ध हो चुके हैं. कई पर्यटकों को अब तक सुरक्षित निकाल लिया गया है, लेकिन कई समूह अभी भी ऊंचे इलाकों में फंसे हैं जहां तापमान तेजी से गिर रहा है. स्थानीय प्रशासन के अनुसार, स्थिति बेहद गंभीर है और ऑक्सीजन की कमी भी चुनौती बन रही है.

बर्फीले तूफान ने रोक दी टिकट बिक्री

शुक्रवार शाम से शुरू हुई बर्फबारी शनिवार तक जारी रही. इसके चलते तिंगरी काउंटी टूरिज्म कंपनी ने ‘एवरेस्ट सीनिक एरिया’ की टिकट बिक्री और एंट्री पूरी तरह से रोक दी. कंपनी ने अपने आधिकारिक WeChat अकाउंट पर सूचना जारी करते हुए कहा कि ‘बर्फबारी के कारण रास्ते खतरनाक हो गए हैं और किसी भी नए पर्यटक को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.’ अधिकारियों का कहना है कि जब तक मौसम सामान्य नहीं होता, क्षेत्र को जनता के लिए बंद रखा जाएगा.

नेपाल में बारिश और भूस्खलन से तबाही

दूसरी ओर नेपाल के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश ने कहर बरपा दिया है. भारी वर्षा के कारण भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की घटनाओं ने सैकड़ों गांवों को तबाह कर दिया है. पुलिस के मुताबिक, अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 35 इलाम जिले में दर्ज की गई हैं, जो भारत की सीमा से सटा हुआ इलाका है. नौ लोग अभी भी लापता हैं जिन्हें बाढ़ का पानी बहा ले गया. वहीं, बिजली गिरने से तीन अन्य लोगों की मौत हो गई.

संयुक्त राहत अभियान और बढ़ती चुनौतियां

तिब्बत और नेपाल दोनों ही ओर बचाव और राहत अभियान तेज कर दिए गए हैं. हेलीकॉप्टरों और स्नो-कटर मशीनों की मदद से रास्ते खोलने की कोशिश हो रही है. अधिकारियों का कहना है कि खराब मौसम, बर्फ की मोटी परत और ठंड ने राहत कार्यों को बेहद कठिन बना दिया है. वहीं, स्थानीय प्रशासन ने सभी ट्रेकिंग एजेंसियों से अपील की है कि वे अपने समूहों से संपर्क बनाए रखें और बिना अनुमति किसी को पर्वतीय क्षेत्र में न भेजें. विशेषज्ञों का कहना है कि यह तूफान हाल के वर्षों में आया सबसे भीषण हिम-तूफान हो सकता है.

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