WHO ने कोल्ड्रिफ समेत भारत में इन तीन कफ सिरप को किया बैन, दी ये चेतावनी

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Cough Syrup Ban In India: मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने भारत में बनी तीन खांसी की दवाओं के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी की है. इनमें सबसे प्रमुख नाम कोल्ड्रिफ सिरप का है, जिसने कुछ हफ्ते पहले देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया था. डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि इन सिरप में जहरीला रसायन डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मिला है, जो बच्चों की मौत का कारण बन सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने जिन तीन दवाओं को लेकर चेतावनी जारी की है, उनमें तमिलनाडु की कंपनी Sresan Pharmaceuticals का Coldrif syrup, Rednex Pharmaceuticals का Respifresh TR और Shape Pharma का ReLife syrup शामिल है. इनमें से Coldrif सिरप से जुड़े मामले में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पारासिया गांव में 22 बच्चों की मौत हुई थी.

कंपनी के लाइसेंस को किया गया रद्द

रॉयटर्स ने अब बताया है कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन यानी CDSCO ने कथित तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन को सूचित किया कि लैब जांच में पाया गया है कि Coldrif सिरप में DEG की मात्रा अनुमेय सीमा से लगभग 500 गुना अधिक थी. यह रसायन बेहद विषैला होता है और इससे गुर्दे, लिवर और तंत्रिका तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचता है. तमिलनाडु की इस कंपनी का लाइसेंस अब पूरी तरह रद्द कर दिया गया है और इसके मालिक जी रंगनाथन को गिरफ्तार किया गया है.

मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ये तीनों सिरप मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं और इनका उपयोग जीवन के लिए घातक साबित हो सकता है. संगठन ने सभी देशों से कहा है कि यदि ये दवाएं उनके यहां मिलती हैं तो तुरंत रिपोर्ट करें और बिक्री रोक दें. इस बीच भारत की केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने डब्ल्यूएचओ को सूचित किया है कि इन सिरप की कोई खेप भारत से निर्यात नहीं की गई थी. अमेरिका ने भी पुष्टि की है कि उन्हें इन जहरीली दवाओं की कोई आपूर्ति नहीं मिली है. हालांकि भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट जारी किया है और बच्चों के लिए खांसी की दवाएं लिखने में सावधानी बरतने को कहा है.

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक एडवाइजरी जारी

बच्चों की मौतों के बाद, सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक एडवाइजरी जारी की जिसमें बच्चों को कफ सिरप लिखते समय सावधानी बरतने का आग्रह किया गया. इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि ऐसी दवाएं दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए तथा आमतौर पर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए इनकी सिफारिश नहीं की जाती है.

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