बिहार के बाद अब देश के 12 अन्य राज्यों में SIR 2.0 की तैयारियां शुरू हो गई हैं. चुनाव आयोग ने सोमवार को दूसरे चरण का शेड्यूल जारी कर बताया कि 4 नवंबर 2025 से शुरू होने वाले इस विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में करोड़ों मतदाताओं के नाम, पते और विवरण की जांच की जाएगी.
आयोग का लक्ष्य है कि नई मतदाता सूची पूरी तरह अद्यतन और त्रुटिहीन हो, ताकि आगामी चुनावों में मतदान प्रक्रिया और भी पारदर्शी और आसान बन सके.
SIR 2.0 का शेड्यूल तय
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि SIR 2.0 की शुरुआत 4 नवंबर 2025 से होगी और 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी. इस प्रक्रिया में 12 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश शामिल हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, गोवा, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप शामिल हैं. आयोग का कहना है कि इस अभियान से करीब 51 करोड़ मतदाताओं के विवरण की पुष्टि की जाएगी.
चार महीने चलेगा अभियान
28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक BLOs का प्रशिक्षण और प्रिंटिंग कार्य पूरा होगा. इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर-घर गणना (House-to-House Enumeration) चलेगी. 9 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होगी. दावे और आपत्तियों की प्रक्रिया 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक चलेगी, जबकि 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक सत्यापन और सुनवाई की जाएगी. आयोग का लक्ष्य है कि हर वोटर का नाम सटीक रूप से अपडेट हो.
हर घर तीन बार जाएंगे BLO
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि अभियान में 5.33 लाख बूथ लेवल ऑफिसर (BLOs) और 7.64 लाख राजनीतिक दलों के बूथ एजेंट शामिल होंगे. BLO हर घर कम से कम तीन बार जाएंगे, ताकि नए मतदाताओं को जोड़ा जा सके और गलत जानकारी सुधारी जा सके. वे Form-6 और Declaration Form एकत्र करेंगे, नए वोटरों को फॉर्म भरने में सहायता करेंगे और सभी दस्तावेज संबंधित अधिकारियों को सौंपेंगे.
मतदान केंद्र पर नहीं होंगे 1200 से ज्यादा वोटर
आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे, ताकि मतदान सुचारू रूप से हो सके. राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) और जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) राजनीतिक दलों से बैठक कर SIR की जानकारी साझा करेंगे. साथ ही, बुजुर्गों, दिव्यांगों और बीमारों के लिए वॉलंटियर्स की तैनाती की जाएगी, ताकि उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
राज्यों को दिए गए विशेष दिशा-निर्देश
CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस बार आयोग तकनीकी पारदर्शिता और मानव-संपर्क दोनों पर जोर दे रहा है. सभी राज्यों से कहा गया है कि सत्यापन के दौरान मतदाता की गोपनीयता बनी रहे और डेटा का किसी भी तरह से दुरुपयोग न हो. आयोग चाहता है कि यह अभियान मतदाता सूची को सबसे सटीक और भरोसेमंद बनाए, ताकि लोकतंत्र की नींव और मजबूत हो सके.
















