UP के सभी स्कूलों में ‘वंदे मातरम’ गाना होगा जरूरी, CM योगी का बड़ा ऐलान

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक बड़ी घोषणा की जिसने देशव्यापी चर्चा छेड़ दी है. उन्होंने घोषणा में कहा कि राज्य भर के सभी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में अब ‘वंदे मातरम’ गाना जरूरी होगा. मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में आयोजित ‘एकता यात्रा’ और वंदे मातरम सामूहिक गायन कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की और इस बात पर जोर दिया कि इस कदम का उद्देश्य देशभक्ति, एकता और भारत के राष्ट्रीय गीत के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना है.

CM योगी ने एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारे राष्ट्रीय गीत के प्रति श्रद्धा की भावना होनी चाहिए. अब से उत्तर प्रदेश के हर स्कूल और कॉलेज में वंदे मातरम गाना अनिवार्य होगा.’ उन्होंने आगे कहा कि इस फैसले का उद्देश्य कम उम्र से ही छात्रों में राष्ट्रीय गौरव और भावनात्मक एकता का संचार करना है. 

CM ने इन लोगों पर अपनाया कड़ा रुख

अपने संबोधन के दौरान, CM ने अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के नेताओं मोहम्मद अली जिन्ना और मोहम्मद अली जौहर का हवाला देते हुए राष्ट्रीय गीत का विरोध करने वालों के खिलाफ भी कड़ा रुख अपनाया. CM योगी ने ऐसे लोगों पर भारत की अखंडता को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा, ‘कुछ लोगों ने फिर से वंदे मातरम पर आपत्ति जताई. ये वही लोग हैं जो सरदार पटेल की जयंती पर तो नहीं जाते, लेकिन जिन्ना के कार्यक्रमों में खुशी-खुशी शामिल होते हैं.’

नागरिकों से किया आग्रह 

उन्होंने नागरिकों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि भारत में फिर कभी कोई नया जिन्ना न उभरे और चेतावनी दी कि किसी भी विभाजनकारी मानसिकता को पनपने से पहले ही रोक दिया जाना चाहिए. CM ने याद दिलाया कि 1896 से 1922 तक, कांग्रेस के हर अधिवेशन में वंदे मातरम गाया जाता था, लेकिन 1923 में जब मोहम्मद अली जौहर कांग्रेस अध्यक्ष बने, तो उन्होंने इस गीत के बजने पर विरोध में वॉकआउट कर दिया आदित्यनाथ ने कहा कि यह कृत्य भारत के विभाजन का एक दुखद कारण बना. 

क्यों लिया गया है फैसला? 

यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह के शुभारंभ के तुरंत बाद आया है. 7 नवंबर 2024 से 7 नवंबर 2026 तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी समारोह का उद्देश्य बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 1875 में उनके उपन्यास आनंदमठ के एक भाग के रूप में लिखे गए गीत का सम्मान करना है. समारोह का उद्घाटन करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने वंदे मातरम को भारत की एकता और लचीलेपन का एक सच्चा प्रतीक बताया और कहा कि यह आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्रीय गौरव और भक्ति की गहरी भावना से प्रेरित करता रहेगा.

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