हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल पर सरकार ने अपनाया कड़ा रूख, ESMA किया लागू

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गुरुग्राम: हरियाणा सरकार ने मंगलवार शाम एक बड़ा कदम उठाते हुए एसेंशियल सर्विसेज मेंटेनेंस एक्ट यानी ESMA लागू कर दिया है. सरकार ने आदेश जारी कर छह महीने तक सरकारी डॉक्टरों की किसी भी तरह की हड़ताल पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही राज्य स्वास्थ्य विभाग ने ‘नो वर्क, नो पे’ नीति भी लागू कर दी है. यह निर्णय उस समय लिया गया जब हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन यानी HCMSA ने सरकार से अपनी मांगों के पूरा न होने पर राज्यभर में अनिश्चितकालीन रूप से स्वास्थ्य सेवाएं बंद करने का फैसला किया. 

डॉक्टरों की मुख्य मांगों में सीनियर मेडिकल ऑफिसर्स की डायरेक्ट भर्ती पर रोक शामिल है. HCMSA की कॉल पर सोमवार से शुरू हुई दो दिन की हड़ताल का असर कई सरकारी अस्पतालों में देखने को मिला. वहीं मंगलवार को गुरुग्राम में 218 में से 88 डॉक्टर हड़ताल पर रहे. इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया कि सेवाएं बाधित नहीं हुईं.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने क्या बताया?

सिविल सर्जन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अल्का सिंह ने बताया कि नेशनल हेल्थ मिशन के डॉक्टरों को ड्यूटी पर लगाया गया, जिससे अस्पताल में जरूरी सेवाएं चालू रहीं. उन्होंने बताया कि सोमवार को पांच और मंगलवार को चार सर्जरी सामान्य रूप से हुईं. ओपीडी सहित सभी विभाग बिना किसी रुकावट के चलते रहे और 12 पोस्टमार्टम भी किए गए.

हालांकि गुरुग्राम सेक्टर 10 स्थित बसई के सिविल अस्पताल में सामान्य दिनों की तुलना में भीड़ कम दिखाई दी. अस्पताल रोजाना करीब 2000 मरीजों को देखता है लेकिन मंगलवार को संख्या कम रही. मरीजों ने बताया कि जांच रिपोर्ट और अन्य कार्य सामान्य रूप से निपट गए. वहीं जिला प्रशासन ने किसी भी तरह की अव्यवस्था रोकने के लिए सख्त कदम उठाए. 

जिलाधिकारियों ने क्या दिया आदेश?

नूंह, गुरुग्राम और फरीदाबाद के जिलाधिकारियों ने सोमवार को ही आदेश जारी कर सरकारी अस्पतालों के 200 मीटर के दायरे में पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी थी. गुरुग्राम के जिला मजिस्ट्रेट अजय कुमार द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया कि हड़ताल के कारण आवश्यक चिकित्सा सेवाओं में बाधा, सार्वजनिक शांति में खलल और लोगों को परेशानी होने की आशंका है.

हड़ताल प्रभावी रहने तक ये प्रतिबंध लागू रहेंगे. HCMSA ने साफ कहा है कि जब तक उनकी मांगों पर सहमति नहीं बनती या सरकार से सकारात्मक वार्ता नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. सरकार की ओर से ESMA लागू करने के बाद अब दोनों पक्षों के बीच बातचीत महत्वपूर्ण हो गई है.

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