Vote Chori in MP Election: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के बाद वोट चोरी के गंभीर आरोपों ने सियासी हलचल मचा दी है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय जनता पार्टी और चुनाव आयोग पर संगीन आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने वोट चोरी के जरिए मध्यप्रदेश में सरकार बनाई और चुनाव आयोग ने इसमें अहम भूमिका निभाई. उमंग सिंघार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में वोटर लिस्ट का हवाला देते हुए चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए. उन्होंने कहा, “2 महीने में 16 लाख वोटर बढ़ गए. हर दिन औसतन 26 हजार वोटर बढ़े.
2 दिसंबर 2022 को 8 लाख नकली और डुप्लीकेट वोटर हटाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन जब हमने RTI के जरिए जानकारी मांगी, तो जवाब मिला कि डिजिटल डेटा उपलब्ध नहीं है.” उन्होंने सेवड़ा विधानसभा का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां 2 महीने में 7,609 वोटर बढ़े, जबकि हार का अंतर केवल 2,000 वोटों का था. सिंघार ने सवाल उठाया कि “चुनाव आयोग अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से भाग रहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार बीजेपी के एजेंट जैसे नजर आए.”
27 सीटों पर वोट चोरी का दावा
नेता प्रतिपक्ष ने 27 निर्वाचन क्षेत्रों में वोट चोरी का आरोप लगाया, जहां कांग्रेस उम्मीदवार मामूली अंतर से हारे. उन्होंने प्रजेंटेशन के जरिए इन सीटों पर गड़बड़ी को उजागर किया. सिंघार ने कहा, “वोट डालने के 24 घंटे पहले तक वोटर लिस्ट में नाम जोड़े जाते रहे. हम इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे. हर सीट पर समीकरण बदलने की कोशिश की गई.”‘
गरुड़ा ऐप’ और डेटा छिपाने का आरोप
सिंघार ने ‘गरुड़ा ऐप’ के स्रोत-डेटा को RTI के बावजूद छिपाने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि नियम 32 के तहत मतदाता सूची और संबंधित दस्तावेजों को कम से कम 3 साल तक संरक्षित करना अनिवार्य है, लेकिन डेटा छिपाया जा रहा है. उन्होंने मांग की कि “चुनाव आयोग के तीनों कमिश्नर इस्तीफा दें.”
बीजेपी का जवाबी हमला
कांग्रेस के इन आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, “देश और मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल न उठाएं. कई कांग्रेस नेता 700, 200, 500 वोटों से जीते हैं, क्या उन्होंने वोट चोरी की? आपातकाल देश की सबसे बड़ी वोट चोरी थी. राहुल गांधी के इस व्यवहार से बची-खुची कांग्रेस भी चोरी हो जाएगी.”