बठिंडा शहर के लिए यह दिन सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि राहत और भरोसे की शुरुआत है. वर्षों से पानी की कमी और खराब गुणवत्ता से जूझ रहे इलाकों को अब स्थायी समाधान मिलने जा रहा है.
AMRUT 2.0 योजना के तहत ₹26 करोड़ की लागत से शुरू हुए जल आपूर्ति प्रोजेक्ट्स मान सरकार की उस सोच को दर्शाते हैं, जिसमें नागरिक की बुनियादी जरूरत को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है. यह पहल बठिंडा के भविष्य को नई दिशा देने वाली है.
पानी की समस्या से जूझता शहर
बठिंडा के कई मोहल्लों में लंबे समय से पीने के पानी की किल्लत रही है. कहीं नल सूखे रहते थे तो कहीं दूषित पानी लोगों की सेहत बिगाड़ता था. महिलाओं और बुजुर्गों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए संघर्ष करना पड़ता था. यह समस्या सिर्फ असुविधा नहीं, बल्कि सम्मान और स्वास्थ्य से जुड़ी थी, जिसे अब दूर करने की ठोस कोशिश शुरू हुई है.
AMRUT 2.0 के तहत बड़ा निवेश
AMRUT 2.0 योजना के तहत ₹26 करोड़ का निवेश बठिंडा के लिए अहम मोड़ है. इस परियोजना का उद्देश्य केवल नई पाइपलाइन बिछाना नहीं, बल्कि आधुनिक और टिकाऊ जल व्यवस्था तैयार करना है. नई तकनीक से पानी का कुशल वितरण होगा और जल संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे आने वाली पीढ़ियों को भी इसका लाभ मिलेगा.
क्या-क्या बनेगा इस परियोजना में
मेयर पदमजीत सिंह मेहता के अनुसार, परियोजना के तहत दो पानी की टंकियां बनाई जाएंगी—एक अमरपुरा बस्ती और दूसरी मॉडल टाउन फेज 4-5 में. प्रत्येक टंकी की क्षमता 2 लाख गैलन होगी. इसके अलावा 63,000 मीटर लंबी पाइपलाइन बिछेगी, जिससे 8,600 घरों को नए कनेक्शन मिलेंगे और करीब 35,000 लोगों को सीधा लाभ होगा.
स्वास्थ्य और जीवन स्तर पर असर
साफ पानी की नियमित आपूर्ति से जलजनित बीमारियों में कमी आएगी. पेचिश, टाइफाइड जैसी बीमारियों से बचाव होगा, जिससे स्वास्थ्य खर्च घटेगा. बच्चों के विकास और परिवारों की रोजमर्रा की जिंदगी में सुधार होगा. यह परियोजना सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि बेहतर जीवन स्तर की नींव रखेगी.
भरोसे और भविष्य की नींव
मेयर ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह का आभार जताते हुए कहा कि मान सरकार जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दे रही है. यह परियोजना बठिंडा को जल-सुरक्षित शहर बनाने की दिशा में निर्णायक कदम है. ₹26 करोड़ का यह निवेश पाइप और टंकी से कहीं आगे, लोगों के भरोसे और सुरक्षित भविष्य में किया गया निवेश है.













