चंडीगढ़: पंजाब की मिट्टी में मेहनतकश समाज के सपने अक्सर अवसरों की कमी से अधूरे रह जाते थे. लेकिन भगवंत सिंह मान की सरकार ने इन्हें नई दिशा दी है.
‘किसी को पीछे नहीं छोड़ा जाएगा’ के संकल्प के साथ सरकार ने अनुसूचित जाति समुदाय के लिए ऐसी योजनाएं शुरू की हैं, जो न केवल आर्थिक राहत देती हैं बल्कि आत्मसम्मान और सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी हैं. यह सिर्फ योजनाओं का सिलसिला नहीं, बल्कि एक संवेदनशील शासन की परिभाषा है.
कर्ज़ माफी: राहत और सम्मान की नई शुरुआत
मान सरकार ने पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास एवं वित्त निगम (PSCFC) से लिए गए ₹68 करोड़ तक के पुराने कर्ज माफ कर 4,727 परिवारों को राहत दी है. यह कदम आर्थिक आज़ादी और सामाजिक समानता की दिशा में बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है. जिन परिवारों पर वर्षों से कर्ज़ का बोझ था, अब वे नई उम्मीद के साथ आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं. इस निर्णय ने सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट कर दी है—विकास की शुरुआत समाज के सबसे कमजोर वर्ग से.
बेटियों के सपनों को पंख
दलित समाज की बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए “आशीर्वाद योजना” एक क्रांतिकारी पहल साबित हो रही है. इस योजना के तहत गरीब परिवारों को बेटी के विवाह के लिए ₹51,000 की सहायता दी जा रही है. साथ ही शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सहयोग दिया जा रहा है. यह योजना सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि यह संदेश है कि हर बेटी समान अवसर और सम्मान की पात्र है. इससे एस.सी. वर्ग की बालिकाओं में आत्मविश्वास और सशक्तिकरण की भावना और मजबूत हुई है.
हर बच्चे को पढ़ाई का अधिकार
पंजाब सरकार ने गरीब दलित छात्रों की पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए व्यापक छात्रवृत्ति योजनाएं लागू की हैं. पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 2 लाख से अधिक छात्रों को लाभ मिला है. वित्त वर्ष 2024-25 में 2,37,000 छात्रों के लिए ₹267.54 करोड़ जारी किए गए हैं. पूरी प्रक्रिया अब डिजिटल और पारदर्शी है, जिससे किसी भी पात्र छात्र को सहायता से वंचित नहीं रहना पड़े. यह कदम राज्य में शिक्षा को सामाजिक समानता का आधार बना रहा है.
पंजाब ओवरसीज स्कॉलरशिप स्कीम
सितंबर 2025 में घोषित पंजाब ओवरसीज़ स्कॉलरशिप स्कीम अनुसूचित जाति के प्रतिभाशाली छात्रों को दुनिया के शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों में पढ़ाई का अवसर दे रही है. सरकार पूरी आर्थिक सहायता—ट्यूशन फीस, वीज़ा, हवाई किराया और ₹13.17 लाख वार्षिक भत्ता—उपलब्ध करा रही है. यह योजना सिर्फ छात्रवृत्ति नहीं, बल्कि दलित सशक्तिकरण की वैश्विक राह है. अब पंजाब का युवा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने सपनों को साकार कर रहा है.
संवेदनशील शासन और भागीदारी से आया परिवर्तन
भगवंत मान सरकार में पाँच कैबिनेट मंत्री एस.सी. समुदाय से हैं, जो जमीनी जरूरतों को समझते हुए योजनाओं को अमल में ला रहे हैं. कर्ज़ माफी, छात्रवृत्ति और महिला कल्याण योजनाओं ने दलित समाज के जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाया है. आज पंजाब के दलित परिवार न सिर्फ विकास की धारा में शामिल हैं, बल्कि आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता के प्रतीक बन चुके हैं. मान सरकार ने साबित कर दिया है कि संवेदना और समानता के साथ शासन चलाने से समाज का हर वर्ग सशक्त बन सकता है.













