भारी बारिश और भूस्खलन से तबाह दार्जिलिंग अभी संभल भी नहीं पाया था कि अब उत्तर बंगाल के लिए एक और खतरे की घंटी बज गई है. भूटान ने चेतावनी जारी की है कि वांगचू नदी का पानी बांध के ऊपर से बहने लगा है, जिससे बंगाल के कई जिलों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है. इस बीच, राज्य प्रशासन हाई अलर्ट पर है और राहत दलों को सतर्क कर दिया गया है.
भूटान के नेशनल सेंटर फॉर हाइड्रोलॉजी एंड मेटिरियोलॉजी ने पश्चिम बंगाल सरकार को सूचित किया है कि ताला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के गेट खुल नहीं पा रहे हैं और नदी का पानी बांध के ऊपर से बह रहा है. यह डैम वांगचू नदी पर बना है, जो भारत में प्रवेश करने के बाद रायडक नदी कहलाती है और जलपाईगुड़ी तथा कूचबिहार से बहते हुए बांग्लादेश में जाती है. भूटान के अधिकारियों ने कहा कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और भारत को संभावित आपदा के लिए तैयार रहने को कहा गया है.
उत्तर बंगाल में बारिश और जलभराव से हालात बिगड़े
भूटान की चेतावनी ऐसे में समय आई है जब उत्तर बंगाल के कई जिले पहले से ही भारी बारिश से जूझ रहे हैं. जलपाईगुड़ी और कूचबिहार के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति है. दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण सड़कें और पुल बह गए हैं. कई पर्यटक और स्थानीय लोग अब भी फंसे हुए हैं. प्रशासन लगातार रेस्क्यू और राहत कार्य में जुटा हुआ है.
दार्जिलिंग में तबाही, अब बाढ़ का खतरा
पिछले कुछ दिनों में हुई लगातार बारिश से दार्जिलिंग में 17 लोगों की मौत हो चुकी है. कई पुल टूट गए हैं और सड़कों का संपर्क टूटने से सैकड़ों गांव बाहरी दुनिया से कट गए हैं. इस बीच, भूटान से आई नई चेतावनी ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है. अगर बांध से निकला पानी बंगाल की ओर बढ़ा, तो जलपाईगुड़ी और कूचबिहार में स्थिति और गंभीर हो सकती है.
राज्य और केंद्र की निगरानी में हालात
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कल दार्जिलिंग का दौरा करेंगी ताकि हालात का जायजा लिया जा सके. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार हर संभव मदद देगी. पीएम ने एक्स (X) पर लिखा, ‘दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. भारी बारिश और भूस्खलन से प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दी जाएगी.’
उत्तर बंगाल फिलहाल दोहरी मार झेल रहा है. एक ओर लगातार बारिश और भूस्खलन की तबाही, तो दूसरी ओर भूटान से आई बाढ़ की चेतावनी. प्रशासन के सामने चुनौती है कि वह राहत, बचाव और सुरक्षा तीनों मोर्चों पर एक साथ काम करे ताकि किसी भी बड़ी आपदा को रोका जा सके.