पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनता दल यूनाइटेड ने 16 नेताओं को निष्कासित कर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. इन नेताओं में वर्तमान विधायक, पूर्व मंत्री और अन्य प्रभावशाली चेहरे शामिल हैं, जिनका पार्टी की आधिकारिक टिकट के खिलाफ चुनाव लड़ना माना गया. पार्टी ने उन्हें ‘एंटी-पार्टी गतिविधियों’ और जेडीयू की विचारधारा का उल्लंघन करने का दोषी ठहराया. इस कदम से यह साफ हो गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी अनुशासन बनाए रखने और चुनावी रणनीति पर सख्ती बरत रहे हैं.
जेडीयू के 16 नेताओं के निष्कासन का मुख्य कारण उनका पार्टी की आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ सक्रिय होना बताया गया है. गोपालपुर से विधायक नरेंद्र नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने टिकट न मिलने पर स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया. इसके अलावा पूर्व मंत्री हिमराज सिंह और अन्य नेता भी अलग-अलग सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. पार्टी ने इन्हें ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ और JDU के आदर्शों के खिलाफ काम करने का दोषी ठहराया है.
विवादित विधायक गोपाल मंडल
गौरलब है कि नरेंद्र नीरज उर्फ गोपाल मंडल हमेशा विवादों में बने रहे हैं. हाल ही में उन्होंने पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास के सामने धरना दिया था, जब उन्हें टिकट नहीं मिला. इसके अलावा स्थानीय MP अजय मंडल ने उनके खिलाफ मानहानि का FIR दर्ज कराई थी. बावजूद इसके मंडल ने चुनावी मैदान में अपनी स्थिति मजबूत रखने की कोशिश की और स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे.
अन्य निष्कासित नेता और उनकी स्थिति
पूर्व MLC संजीव श्याम सिंह, पूर्व मंत्री हिमराज सिंह और पूर्व MLA महेश्वर प्रसाद यादव भी निष्कासित हुए हैं. कई नेता अब स्वतंत्र उम्मीदवार या अन्य पार्टियों के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनके निष्कासन ने स्पष्ट कर दिया कि पार्टी भीतर से विरोध करने वाले नेताओं को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर रही है. यह कदम JDU की चुनावी रणनीति को स्पष्ट संदेश देने वाला माना जा रहा है.
JDU का दृष्टिकोण
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि निष्कासित नेता आधिकारिक उम्मीदवारों और NDA सहयोगियों के खिलाफ काम कर रहे थे. उन्होंने पार्टी की विचारधारा और अनुशासन का उल्लंघन किया. पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह के कदम चुनाव से पहले अनुशासन बनाए रखने और स्पष्ट संदेश देने के लिए जरूरी थे. इससे JDU की चुनावी छवि पर भी असर पड़ने की संभावना कम होगी.
चुनाव की पृष्ठभूमि और आगे की स्थिति
बिहार में 243 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए चुनाव दो चरणों में होंगे 6 और 11 नवंबर को. परिणाम 14 नवंबर को घोषित होंगे. पार्टी की यह कार्रवाई चुनावी हलचल बढ़ाने के साथ ही अन्य दलों को भी संदेश देती है कि JDU अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी. इस कदम से NDA के भीतर स्थिरता और उम्मीदवारों की स्थिति मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है.















