आज की पीढ़ी यानी ‘जेन-Z’ अपने निजी और पेशेवर जीवन को जिस बेबाकी से संभालती है, वह अकसर चर्चा में रहती है. हाल ही में गुरुग्राम स्थित ‘नॉट डेटिंग’ कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ जसवीर सिंह ने अपने एक कर्मचारी का ऐसा ही ईमेल शेयर किया है, जिसे देखकर इंटरनेट पर हलचल मच गई है.
कर्मचारी ने अपने मेल में साफ लिखा था कि हाल ही में उसका ब्रेकअप हुआ है और वह काम पर ध्यान नहीं दे पा रहा, इसलिए कुछ दिनों की छुट्टी चाहिए.
सीईओ ने बताया ‘सबसे ईमानदार लीव एप्लिकेशन’
जसवीर सिंह ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इस मेल का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा- ‘Gen Z doesn’t do filters!’ यानी ‘जेन-Z बिना फिल्टर के बात करती है.’ उन्होंने इस मेल को अब तक का सबसे ईमानदार लीव एप्लिकेशन बताया. मेल में कर्मचारी ने लिखा था- ‘हाल ही में मेरा ब्रेकअप हुआ है और मैं काम पर ध्यान नहीं दे पा रहा हूं. मैं 28 तारीख से 8 तारीख तक छुट्टी लेना चाहता हूं.’
इंटरनेट पर छिड़ी बहस, कुछ बोले- ‘सच्चाई की मिसाल’
जैसे ही जसवीर सिंह ने यह पोस्ट शेयर की, सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. कई लोगों ने कर्मचारी की ईमानदारी की जमकर तारीफ की. एक यूजर ने लिखा- ‘मैं तो ऐसी ईमानदारी पर तुरंत छुट्टी मंजूर कर दूं.’ वहीं, एक अन्य ने कहा- ‘सिर्फ दो लाइन में सच्चाई, जिम्मेदारी और संवेदनशीलता झलकती है, ऐसे लोग अच्छे कर्मचारी बनते हैं.’
‘लीव अप्रूव्ड इंस्टेंटली’, बोले CEO
एक यूजर ने जसवीर सिंह से पूछा ‘क्या आपने छुट्टी मंजूर की?’ इसके जवाब में सीईओ ने लिखा ‘Leave approved instantly!’ यानी ‘छुट्टी तुरंत मंजूर.’ इस जवाब के बाद कई यूजर्स ने सीईओ की तारीफ की और उन्हें ‘सबसे समझदार बॉस’ का भी खिताब डे डाला. कुछ लोगों ने कहा कि हर कंपनी को ऐसे संवेदनशील और खुले विचारों वाले नेताओं की जरूरत है.
‘जेन-Z बनाम मिलेनियल्स’ पर आईं प्रतिक्रियाएं
एक यूजर ने मजाकिया लहजे में लिखा ‘Gen-Z ब्रेकअप के बाद छुट्टी ले लेती है, जबकि मिलेनियल्स रोते हुए भी डेडलाइन पूरी करते थे.’ एक अन्य ने तंज किया ‘अब अगला मेल आएगा, ‘सर, मर्करी रेट्रोग्रेड में है, इसलिए घर से काम चाहिए.’ इन प्रतिक्रियाओं ने दिखाया कि कैसे नई पीढ़ी कार्यस्थल पर भावनाओं को खुलकर व्यक्त करने से नहीं हिचकती.
कार्यस्थल संस्कृति में आ रहा बदलाव
यह घटना केवल एक ईमेल नहीं, बल्कि बदलती कॉर्पोरेट संस्कृति की झलक भी है. आज के युवा कर्मचारी अपने मानसिक स्वास्थ्य और निजी जीवन को लेकर पहले से ज्यादा जागरूक हैं. जहां पहले कर्मचारी निजी भावनाओं को छिपाते थे, वहीं अब वे सच्चाई और पारदर्शिता को प्राथमिकता दे रहे हैं. यह दिखाता है कि ऑफिस अब केवल काम की जगह नहीं, बल्कि समझ और सहानुभूति की भी जगह बन रहे हैं.















