सोने के झुमके नहीं पहन पा रहीं आप? कान पक कर हो गए हैं लाल तो अपनाएं ये नेचुरल उपाय, जल्दी दिखेगा असर!

एलोवेरा स्किन के लिए नेचुरल हीलर है. इसे सीधे कान के होल पर लगाएं. इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण इंफेक्शन को फैलने से रोकते हैं और ठंडक देकर दर्द कम करते हैं.

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Gold earrings
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झुमके या सोने की बालियां हर किसी की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं. लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि कानों में सोने की बाली पहनते ही दर्द शुरू हो जाता है या फिर कान पक जाते हैं. खासकर जिन लोगों की त्वचा ज्यादा सेंसिटिव होती है, उनके साथ यह समस्या और भी ज्यादा देखने को मिलती है. इस कारण कई लोग सोने की बालियां पहनना पसंद तो करते हैं लेकिन तकलीफ के डर से पहन नहीं पाते.

ऐसे में जरूरी है कि आप घरेलू और नेचुरल नुस्खे अपनाएं, जो न सिर्फ कानों को पकने से बचाते हैं बल्कि बहुत जल्दी असर भी दिखाते हैं. आयुर्वेद में और दादी-नानी के टोटकों में ऐसे कई तरीके बताए गए हैं जिनसे कान की जलन, सूजन और दर्द तुरंत कम हो जाता है. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर कौन-कौन से घरेलू नुस्खे अपनाकर आप आसानी से सोने की बालियां पहन सकते हैं, और कौन-सी छोटी-छोटी बातें ध्यान में रखकर कानों को सुरक्षित रखा जा सकता है.

क्यों पक जाते हैं कान सोने की बाली पहनते ही?

बहुत से लोग यह मानते हैं कि सोना पूरी तरह से सुरक्षित धातु है, लेकिन कई बार इसमें मिले अन्य धातु (जैसे कॉपर, निकल आदि) कानों की त्वचा पर रिएक्शन कर देते हैं. इसके अलावा नमी, पसीना, साफ-सफाई की कमी और इयरिंग पहनने के तरीके की वजह से भी कान में इंफेक्शन या सूजन हो सकती है. अगर इयर होल नया है तो वहां की स्किन बहुत नाजुक रहती है और जल्दी पक सकती है.

नेचुरल तरीके

ओस की बूंदों का इस्तेमाल

सर्दियों में पत्तों पर जमी ओस की बूंदें कई समस्याओं के लिए वरदान मानी जाती हैं. कान पर तीन से चार दिनों तक ओस की बूंदें लगाने से पकने की समस्या काफी हद तक ठीक हो जाती है. इसमें मौजूद नैचुरल मॉइस्चर और मिनरल्स कानों की स्किन को हील करने में मदद करते हैं.

हल्दी और नारियल तेल का मिश्रण

हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं और नारियल तेल त्वचा को शांत करता है. दोनों को मिलाकर पेस्ट तैयार करें और इयरहोल पर हल्के हाथों से लगाएं. दिन में दो बार इस्तेमाल करने से जलन और सूजन कम हो जाएगी.

गर्म की हुई सुई का नुस्खा

पुराने समय से यह माना जाता है कि अगर सुई की नोक को हल्का गर्म कर कान में डाला जाए तो पकने की समस्या धीरे-धीरे खत्म हो जाती है. हालांकि इस नुस्खे को अपनाने से पहले सावधानी बरतना जरूरी है. सुई को बहुत ज्यादा गर्म न करें और उसे अच्छी तरह से डिसइंफेक्ट जरूर करें.

एलोवेरा जेल का इस्तेमाल

एलोवेरा स्किन के लिए नेचुरल हीलर है. इसे सीधे कान के होल पर लगाएं. इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण इंफेक्शन को फैलने से रोकते हैं और ठंडक देकर दर्द कम करते हैं.

नीम का तेल

नीम का तेल एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल दोनों गुणों से भरपूर होता है. इसे रूई की मदद से कान के होल पर लगाएं. यह न सिर्फ पकने से रोकता है बल्कि पहले से हुई सूजन को भी तेजी से ठीक करता है.

गुलाबजल और कपूर का प्रयोग

गुलाबजल त्वचा को ठंडक देता है और कपूर में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं. दोनों को मिलाकर कान पर लगाने से जलन और लालिमा तुरंत कम हो जाती है.

कान पकने से बचाने के टिप्स

  • इयरिंग पहनने से पहले उसे अच्छी तरह से साफ करें.
  • नया इयरहोल हो तो शुरुआत में हल्की और छोटी बाली ही पहनें.
  • सोने से पहले कानों को धोकर ड्राई रखें.
  • बहुत भारी झुमके लंबे समय तक न पहनें.
  • अगर कान में ज्यादा सूजन या पस हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

कब डॉक्टर के पास जाना चाहिए?

अगर कान से पस निकलने लगे, सूजन बढ़ जाए या तेज बुखार जैसा महसूस हो तो ये गंभीर संक्रमण के संकेत हैं. ऐसे हालात में घरेलू उपाय छोड़कर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  हमारा चैनल इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.

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