चीन-पाकिस्तान के मजबूत संबंध किसी तीसरे पक्ष पर निशाना नहीं, इस्लामाबाद में बोले चीनी विदेश मंत्री वांग यी

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान चीन-पाकिस्तान संबंधों की मजबूती को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच का रिश्ता किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं है और यह वर्षों से मजबूत हो रहा है. वांग यी ने पाकिस्तान के साथ अपने सहयोग को और मजबूत करने के उद्देश्य से पाकिस्तान के नेतृत्व से बातचीत की, साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की.

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chinese Foreign Minister Wang
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चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 21 अगस्त 2023 को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में दो दिवसीय यात्रा शुरू की. इस यात्रा के दौरान उन्होंने पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार के निमंत्रण पर पाकिस्तान-चीन विदेश मंत्रियों के रणनीतिक संवाद का नेतृत्व किया. वांग ने यह भी कहा कि चीन और पाकिस्तान का संबंध किसी भी तीसरे देश के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह एक मजबूत और दीर्घकालिक साझेदारी है, जो समय की कसौटी पर खरी उतरी है.

इस्लामाबाद में प्रेस वार्ता के दौरान वांग यी ने कहा ‘चीन और पाकिस्तान की साझेदारी किसी भी तीसरे देश को निशाना बनाने के लिए नहीं है. दक्षिण एशिया के सभी देश एक साझा इतिहास रखते हैं और चीन तथा दक्षिण एशियाई देशों के बीच गहरे संबंध हैं. हमें एक साथ मिलकर विकास को तेज करना चाहिए.’ वांग यी ने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए इस यात्रा को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह दोनों देशों के बीच निरंतर बढ़ते सहयोग का हिस्सा है.

विजिट का उद्देश्य और प्राथमिकताएं

वांग यी की यह यात्रा पाकिस्तान और चीन की ‘All-Weather Strategic Cooperative Partnership’ को और गहरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस संवाद में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने, आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने, और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता की दिशा में संयुक्त प्रतिबद्धता को पुनः सुनिश्चित करने पर चर्चा की गई. वांग ने पाकिस्तान के सिविल और मिलिट्री नेतृत्व से मुलाकात की और क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.

वांग यी की भारत यात्रा

पाकिस्तान यात्रा से पहले वांग यी ने भारत का तीन दिन का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच सीमा तनाव को प्रबंधित करने के प्रयासों पर चर्चा की. चीन और भारत के संबंधों में हालिया वर्षों में जटिलताएं आई हैं, खासकर 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद. वांग यी ने अपील की कि दोनों देश एक-दूसरे को ‘साझेदार’ के रूप में देखें, न कि ‘विरोधी या खतरे’ के रूप में.

सीमा तनाव पर भारत और चीन का रुख

वांग यी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मुलाकात की, जहां उन्होंने सीमा पर स्थिति को स्थिर करने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाने की बात कही है. उन्होंने कहा ‘हम खुश हैं कि सीमा पर स्थिरता वापस आ चुकी है. पिछले कुछ वर्षों में जो भी संकट आए, वे हमारे हित में नहीं थे, लेकिन अब हम एक सकारात्मक प्रवृत्ति की ओर बढ़ रहे हैं.’ यह संदेश दोनों देशों के लिए एक उम्मीद की किरण के रूप में आया है, जो भविष्य में संबंधों को और सुधारने की दिशा में मदद कर सकता है.

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