दिल्ली में जहरीली होती हवा ने सरकारी दफ्तरों तक को अपनी चपेट में ले लिया है. सेंट्रल सेक्रेटेरिएट सर्विसेज (CSS) के अधिकारियों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि सभी केंद्रीय कार्यालयों, खासतौर पर नए बने कर्तव्य पथ भवन (Kartavya Bhawan) में एयर प्यूरीफायर लगाए जाएं.
अधिकारियों का कहना है कि अभी तक सिर्फ वरिष्ठ अधिकारियों के कमरों में ही एयर प्यूरीफायर लगाए गए हैं, जबकि बाकी कर्मचारी भी उसी दूषित वातावरण में काम कर रहे हैं.
कर्तव्य भवन में धूल और प्रदूषण से हालात बदतर
CSS फोरम ने अपने पत्र में कहा कि कर्तव्य भवन परिसर में चल रहे निर्माण कार्य ने कार्यालयों की हवा को और खराब कर दिया है. उन्होंने बताया कि यहां बड़ी संख्या में कर्मचारी काम करते हैं और भवन की वेंटिलेशन व्यवस्था कमजोर है. बाहरी प्रदूषण के साथ-साथ निर्माण से उठने वाली धूल मिलकर कर्मचारियों के लिए वातावरण को अस्वस्थ बना रही है.
CSS फोरम ने की सुरक्षित कार्यस्थल की मांग
CSS फोरम, जो कि सेंट्रल सेक्रेटेरिएट के ग्रुप ‘B’ और ऑर्गनाइज्ड ग्रुप ‘A’ अधिकारियों का संगठन है, ने स्पष्ट कहा कि सभी सरकारी कर्मचारियों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में काम करने का अधिकार है. उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) के सचिव को पत्र लिखकर कहा कि एयर प्यूरीफायर केवल वरिष्ठ अधिकारियों के लिए नहीं बल्कि सभी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होने चाहिए.
दिल्ली की हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में
दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई, जबकि रविवार को यह ‘गंभीर’ (Severe) स्तर पर थी. अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से दिल्ली लगातार उच्च प्रदूषण स्तर की गिरफ्त में है. विशेषज्ञों के मुताबिक, इस समय पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से कई गुना अधिक बना हुआ है, जिससे सांस संबंधी बीमारियां और आंखों में जलन जैसी दिक्कतें बढ़ रही हैं.
पिछले साल भी उठी थी यही मांग
CSS अधिकारियों ने पिछले साल भी वर्क-फ्रॉम-होम, स्टैगर्ड टाइमिंग्स और सभी कार्यालयों में एयर प्यूरीफायर लगाने की मांग की थी. उनका कहना है कि हर साल सर्दियों के दौरान दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है, जिससे कामकाजी माहौल प्रभावित होता है. बावजूद इसके, अब तक इस दिशा में पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए हैं.
दिल्ली सरकार ने तय की स्टैगर्ड टाइमिंग्स
वायु प्रदूषण के खतरे को देखते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में घोषणा की कि 15 नवंबर से 15 फरवरी तक दिल्ली सरकार और एमसीडी कर्मचारियों के लिए स्टैगर्ड टाइमिंग्स लागू की जाएंगी. उनका कहना है कि इससे ट्रैफिक जाम और वाहनों से होने वाले प्रदूषण में कुछ कमी आएगी. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से भी समान कदम उठाने की अपील की है.
















