Home क्राइम बलरामपुर में दिव्यांग युवती से गैंगरेप, पुलिस एनकाउंटर में दो आरोपी गिरफ्तार

बलरामपुर में दिव्यांग युवती से गैंगरेप, पुलिस एनकाउंटर में दो आरोपी गिरफ्तार

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Balrampur gangrape case

Balrampur gangrape case: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक 22 साल की मूक-बधिर युवती से गैंगरेप के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया. ये घटना 11 अगस्त की रात बहादुरपुर, देहात कोतवाली क्षेत्र में हुई थी, जिसका खुलासा तब हुआ जब पीड़िता का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अंकुर वर्मा (21) और हर्षित पांडेय (22) के रूप में हुई है. दोनों को पुलिस ने बुधवार को नेपाल भागने की कोशिश के दौरान पकड़ लिया. मुठभेड़ में दोनों के पैर में गोली लगी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

ननिहाल से लौटते समय हुई दरिंदगी

पुलिस के अनुसार, 11 अगस्त की रात लगभग 8 बजे पीड़िता अपने ननिहाल से घर लौट रही थी, तभी एक युवक ने उसे जबरन एक सुनसान खेत में खींच लिया. सुनने और बोलने में असमर्थ होने के कारण पीड़िता खुद को बचा नहीं सकी और बुरी तरह सदमे में चली गई. जब वो रात 9 बजे तक घर नहीं लौटी, तो परिजनों ने तलाश शुरू की और उसे बेहोशी की हालत में खेत से बरामद किया. तत्काल जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत अब स्थिर है.

FIR दर्ज, जांच में जुटी पुलिस

एसपी विकास कुमार ने बताया कि पीड़िता की पहचान गुप्त रखते हुए तुरंत एफआईआर दर्ज की गई और आरोपियों की तलाश के लिए विशेष टीम बनाई गई. पीड़िता ने इशारों के जरिए घटना की कुछ जानकारी दी, जिसके बाद जांच टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और आरोपियों की बाइक के रजिस्ट्रेशन नंबर ट्रेस किए.

नेपाल भागने की कोशिश में पकड़े गए

पुलिस के अनुसार, मंगलवार देर रात दोनों आरोपियों की लोकेशन कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के बाहरी इलाके में मिली. करीब 12:30 बजे जब पुलिस ने घेराबंदी की, तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में दोनों घायल हो गए और मौके पर ही गिरफ्तार कर लिए गए. पूछताछ में दोनों ने जुर्म कबूल कर लिया.

सीसीटीवी फुटेज बना अहम सबूत

पुलिस के हाथ 14 सेकेंड का एक अहम वीडियो लगा है, जो एसपी आवास के पास लगे कैमरे का है. इसमें पीड़िता को भयभीत हालत में भागते हुए देखा जा सकता है. ये फुटेज अब जांच का मुख्य हिस्सा है.

(सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत, पीड़िता की पहचान गोपनीय रखी गई है.)

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