Fake Calls: फर्जी कॉल्स पर लगेगा लगाम! CNAP सर्विस से कॉलर के असली नाम का चलेगा पता, जानिए कैसे

DoT इस सर्विस को सभी नेटवर्क्स पर लागू करना चाहता है. हालांकि, 2G नेटवर्क पर इसे लागू करना तकनीकी रूप से मुश्किल है. यही वजह है कि CNAP को पूरे देश में शुरू करने से पहले इस समस्या का हल जरूरी है.

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Fake Calls
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Fake Calls: फर्जी कॉल्स और स्कैमिंग से बहुत जल्द छुटकारा मिल जाएगा.  बैंक अकाउंट,  लोन,  इनाम या ओटीपी के नाम पर ठग कॉल करके लूट मचाने वाले अपराधी अब नहीं बचेंगे. इन्हीं समस्याओं से राहत दिलाने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) और TRAI ने एक दमदार सुरक्षा कवच तैयार कर लिया है. जिसका नाम है कॉलर नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सर्विस. 

अभी क्या हो रहा है कि कॉल करने वाला असली है या नहीं के पहचान पाना मुश्किल था. लेकिन इस सर्विस के शुरु होते ही असली और नकली में फर्क करना आसान हो जाएगा. इस सुविधा से कॉल करने वाले का असली नाम पता चल जाएगा.

क्या है CNAP सर्विस?

CNAP यानी कॉलर नेम प्रेजेंटेशन, एक ऐसी सर्विस है जिसमें इनकमिंग कॉल पर कॉलर का वही नाम दिखेगा जो सिम कार्ड की रजिस्टर्ड आईडी पर दर्ज है. यह ट्रू-कॉलर जैसी थर्ड-पार्टी एप्स से अलग होगी क्योंकि इसमें सिर्फ असली नाम ही डिस्प्ले होगा.

ट्रायल शुरू, लेकिन कंफ्यूजन बरकरार

Airtel, Jio, Vi और BSNL जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियां CNAP का ट्रायल कर रही हैं. इंटर और इंट्रा-सर्किल कॉल्स पर यूजर्स की स्क्रीन पर कॉलर का नाम दिखाई दे रहा है. हालांकि, कंपनियों का कहना है कि कुछ मामलों में अब भी दिशा-निर्देश की कमी है.

कई बार कंपनियां सैकड़ों सिम अपने नाम पर खरीदती हैं. ऐसे में सवाल यह है कि कॉल आने पर स्क्रीन पर कंपनी का नाम दिखेगा या उस कर्मचारी का, जो कॉल कर रहा है. यही वजह है कि इस पर स्पष्ट नियम बनाने की जरूरत है.

फैमिली प्लान्स में चुनौती

फैमिली पोस्टपेड कनेक्शन्स में एक ही आईडी पर कई सिम जारी होते हैं. अब सवाल उठता है कि कॉल करने वाले सदस्य का नाम दिखेगा या रजिस्टर्ड आईडी होल्डर का. इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए पॉलिसी तय करनी होगी.

TRAI की सिफारिशें

TRAI ने सुझाव दिया है कि कॉलर का नाम कंज्यूमर एप्लिकेशन फॉर्म (CAF) के आधार पर दिखाया जाए. इससे यूजर्स को तुरंत पहचानने में मदद मिलेगी कि कॉल असली है या धोखाधड़ी वाला.

2G नेटवर्क सबसे बड़ी चुनौती

DoT इस सर्विस को सभी नेटवर्क्स पर लागू करना चाहता है. हालांकि, 2G नेटवर्क पर इसे लागू करना तकनीकी रूप से मुश्किल है. यही वजह है कि CNAP को पूरे देश में शुरू करने से पहले इस समस्या का हल जरूरी है.

केंद्रीय संचार राज्यमंत्री पेम्मासानी चंद्र शेखर ने संसद में कहा कि टेलीकॉम कंपनियों के ट्रायल और असेसमेंट के बाद CNAP को लागू करने पर अंतिम फैसला लिया जाएगा.

फायदा

CNAP लागू होने के बाद मोबाइल यूजर्स तुरंत पहचान पाएंगे कि कॉल असली है या स्कैम. इससे न सिर्फ फेक कॉल्स से निजात मिलेगी बल्कि बैंकिंग फ्रॉड और अन्य वित्तीय धोखाधड़ी पर भी रोक लगेगी. इस सुविधा के बाद ठगों की पहचान करना आसान होगा. असली नाम सामने आने से स्कैमर्स के लिए लोगों को झांसा देना मुश्किल हो जाएगा और धोखाधड़ी के मामलों में त्वरित कार्रवाई संभव हो सकेगी.

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