Gold and Silver Prices: त्यौहारी सीजन में सोना और चांदी की खरीदारी का खास महत्व होता है लेकिन इस बार करवाचौथ, दीवाली और धनतेरस से पहले ही इनके दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. सोमवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर गोल्ड और सिल्वर दोनों में भारी तेजी देखी गई. इससे आम उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है और निवेशकों के लिए भी नई रणनीति बनाने का समय आ गया है.
सोने की कीमतें सोमवार को एमसीएक्स पर 1,19,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक पहुंच गईं, जो अब तक का रिकॉर्ड है. चांदी की कीमतें भी तेज उछाल के साथ 1,47,344 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गईं. विदेशी बाजारों में भी यही रुख दिखा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड रेट पहली बार 3,900 डॉलर प्रति औंस से ऊपर चला गया और 3,929.22 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया. भारत में 6 अक्टूबर को सोने की कीमतें 1,19,840 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गईं. बाजार खुलने के बाद भी इसमें तेजी देखी जा रही है.
सोना-चांदी क्यों हो रहे महंगे?
इस साल की शुरुआत से अब तक सोने की कीमतों में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है. इसके पीछे कई बड़े कारण हैं. वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिका में शटडाउन, डॉलर की कमजोरी और जापानी मुद्रा इंडियन (येन) में गिरावट ने गोल्ड की डिमांड को बढ़ाया है. साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना ने भी निवेशकों को सुरक्षित विकल्प की ओर धकेला है.
निवेशक क्यों चुन रहे गोल्ड?
निवेश के लिए सोने को हमेशा सुरक्षित माना जाता है. जब भी बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है, निवेशक तेजी से गोल्ड और सिल्वर की ओर रुख करते हैं. मौजूदा स्थिति में भी यही हो रहा है. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में गोल्ड की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं. यही वजह है कि निवेशकों की मांग लगातार बढ़ रही है.
आम उपभोक्ताओं पर असर
त्यौहारी खरीदारी के समय सोने-चांदी के रेट रिकॉर्ड पर पहुंचना आम जनता की जेब पर असर डाल रहा है. माना जा रहा है कि इस बार शादी-ब्याह और त्यौहारों में सोने-चांदी की खपत कम हो सकती है. हालांकि निवेशक तब भी गोल्ड में पैसे लगाने से पीछे नहीं हटेंगे, क्योंकि इसे भविष्य के लिए सुरक्षित माना जाता है.
निवेशकों के लिए सलाह
मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतें निकट भविष्य में और बढ़ सकती हैं. ऐसे में लंबी अवधि के निवेशक गोल्ड में निवेश जारी रख सकते हैं. वहीं चांदी भी एक बेहतर विकल्प मानी जा रही है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपेक्षाकृत कम राशि में सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं. हालांकि अल्पावधि में तेज उतार-चढ़ाव से बचने की सलाह दी जा रही है.
















