‘कोई कितना भी ताकतवर क्यों न हो नहीं बचेगा’, हरियाणा में दलित IPS की मौत के बाद CM सैनी ने इंसाफ दिलाने की बात

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या को 'बेहद दुखद घटना' बताया और कहा कि दोषी चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, बख्शा नहीं जाएगा. सीएम ने मृत अधिकारी के परिवार को निष्पक्ष जांच और न्याय का भरोसा दिया है.

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हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या ने पूरे राज्य प्रशासन को हिला दिया है. अपने ‘अंतिम नोट’ में उन्होंने कई वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे.

अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मामले में पहली बार सार्वजनिक प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि न्याय में कोई समझौता नहीं होगा.

‘दुखद और संवेदनशील मामला’, बोले सीएम सैनी

पंचकूला में भाजपा की राज्य कार्यकारिणी बैठक के दौरान मुख्यमंत्री सैनी ने इस मामले पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा, ‘यह एक बेहद दुखद और संवेदनशील मामला है. परिवार ने न्याय की मांग की है और सरकार उसकी पूरी तरह से सहायता करेगी.’ सैनी ने स्पष्ट किया कि इस प्रकरण की गहन जांच होगी और यदि किसी की भी भूमिका संदिग्ध पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि ‘कानून सबके लिए बराबर है- चाहे दोषी कितना भी बड़ा या प्रभावशाली व्यक्ति क्यों न हो.’

मुख्यमंत्री ने परिवार को दिया भरोसा

मुख्यमंत्री ने बताया कि जब उन्हें अधिकारी की मृत्यु की सूचना मिली, वे जापान में थे. उन्होंने तुरंत मृतक की पत्नी, आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार से फोन पर बात की और राज्य के अधिकारियों को परिवार की मदद के लिए भेजा. अमनीत कुमार उस समय मुख्यमंत्री के साथ जापान में ही एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थीं. सीएम सैनी ने कहा, ‘मैं परिवार के साथ हूं और केंद्र सरकार से लगातार संपर्क में हूं ताकि किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो.’

राजनीति से परे रखे जाने की अपील

सैनी ने विपक्षी दलों और मीडिया से अपील की कि इस संवेदनशील मामले को राजनीति से दूर रखा जाए. उन्होंने कहा, ‘ऐसे विषयों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. यह इंसाफ और संवेदना का सवाल है, न कि किसी राजनीतिक लाभ का.’ मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि हरियाणा सरकार इस केस की हर परत की जांच कराएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.

एफआईआर के बाद तेज हुई जांच

इससे पहले चंडीगढ़ पुलिस ने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर समेत 10 अधिकारियों के खिलाफ आईपीएस पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में एफआईआर दर्ज की थी. यह कार्रवाई तब हुई जब मृत अधिकारी की पत्नी और परिवार ने पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार से पहले एफआईआर की मांग की. मामले की गंभीरता को देखते हुए अब राज्य सरकार भी उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे चुकी है.

इस घटना ने न सिर्फ हरियाणा पुलिस तंत्र बल्कि देशभर के प्रशासनिक ढांचे में जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर फिर से बहस छेड़ दी है. मुख्यमंत्री सैनी की सख्त प्रतिक्रिया से यह संकेत साफ है कि सरकार इस केस को किसी भी हाल में दबने नहीं देगी.

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