स्वास्थ्य विशेषज्ञ बार-बार कहते हैं कि गंभीर मामलों में दवा जरूरी हो सकती है, लेकिन ज्यादातर लोग साधारण आहार और जीवनशैली बदलावों से यूरिक एसिड को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं. यूरिक एसिड एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है, जो अक्सर अनदेखी रह जाती है.
यह जोड़ों की सूजन, किडनी स्टोन और हृदय रोगों से जुड़ी होती है. दवाओं के अलावा रोजमर्रा के छोटे बदलाव इसे कम करने में बड़ा असर डालते हैं, बिना एक पैसा खर्च किए. यूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन नामक तत्वों के टूटने से बनता है. ये तत्व प्रोटीन युक्त भोजन में पाए जाते हैं. सामान्य स्थिति में किडनी इसे फिल्टर कर पेशाब के जरिए बाहर निकालती है. लेकिन ज्यादा उत्पादन या किडनी की कमजोरी से यह जोड़ों और ऊतकों में जमा हो जाता है, जिससे दर्द और जलन होती है.
पोषण विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि प्यूरीन वाले खाद्य पदार्थ कम करें. इसमें लाल मांस, समुद्री मछली, दालें जैसे चना, मसूर, राजमा, मशरूम और अन्य प्रोटीन स्रोत शामिल हैं. साथ ही चीनी युक्त प्रोसेस्ड फूड, मैदा से बने उत्पाद और बेकरी आइटम जैसे केक, बिस्किट से परहेज करें, क्योंकि ये यूरिक एसिड बढ़ाते हैं.
अब बात करते हैं आसान घरेलू उपायों की, जो आपकी रसोई में ही उपलब्ध हैं:चेरी का जादू: रोजाना 10-15 ताजी या सूखी चेरी खाएं. ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं, जो यूरिक एसिड को कम करती हैं और सूजन घटाती हैं.
नींबू पानी का कमाल: सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में आधा नींबू निचोड़कर पिएं. विटामिन सी यूरिक एसिड को घोलकर बाहर निकालता है.
सेब का सिरका: एक ग्लास पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर दिन में दो बार लें. यह शरीर को क्षारीय बनाता है, जो एसिड कम करने में मदद करता है.
हरी सब्जियां बढ़ाएं: पालक, ब्रोकली, खीरा जैसी कम प्यूरीन वाली सब्जियां रोज खाएं. ये फाइबर से भरपूर होती हैं और किडनी को मजबूत बनाती हैं.
डेयरी का सहारा: कम फैट वाला दूध, दही या पनीर लें. ये प्रोटीन देते हैं बिना यूरिक एसिड बढ़ाए.
















