रेणुकास्वामी मर्डर केस में कन्नड़ एक्टर दर्शन बड़ा झटका! सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की जमानत, जेल में VIP ट्रीटमेंट पर भी चेतावनी

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Renukaswamy Murder Case
Renukaswamy Murder Case

Renukaswamy Murder Case: रेणुकास्वामी हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कन्नड़ एक्टर दर्शन थुगुदीपा, पवित्रा गौड़ा और पांच अन्य आरोपियों की जमानत रद्द करते हुए सख्त संदेश दिया है. न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने कर्नाटक सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया कि, ‘कोई भी कानून से ऊपर नहीं’ है.

फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा, ‘यह फैसला साफ संदेश देता है कि चाहे आरोपी कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों न हो, वह कानून से ऊपर नहीं है. न्याय प्रणाली का दायित्व है कि हर कीमत पर कानून का शासन सुनिश्चित हो.’ अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी आरोपी को जेल में स्पेशल या ‘पांच स्टार’ सुविधाएं नहीं दी जानी चाहिए.

क्या है रेणुकास्वामी मर्डर केस?

यह केस एक 33 साल के ऑटो चालक रेणुकास्वामी की हत्या से जुड़ा है, जिनका शव 9 जून को बरामद हुआ था. आरोप है कि सोशल मीडिया पर पवित्रा गौड़ा के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर, दर्शन ने अपने फैंस से रेणुकास्वामी को पकड़ने और उनका अपहरण करने की अपील की थी. कथित तौर पर दर्शन के निर्देश पर हुए हमले में लगी चोटों के कारण रेणुकास्वामी की मौत हो गई.

Supreme Court cancelled the bail granted to Kannada actors #DarshanThoogudeepa and Pavithra Gowda and 5 others by the Karnataka High Court in the Renukaswamy murder case

Bench of Justice JB Pardiwala and R Mahadevan pronounced the order against the High Court order.#Karnataka pic.twitter.com/SpuT14e8lC— Soundar C / சௌந்தர் செ (@soundarc2001) August 14, 2025

दर्शन की गिरफ्तारी और जमानत का सिलसिला

इस केस में दर्शन को 11 जून 2024 को गिरफ्तार किया गया था. 30 अक्टूबर 2024 को कर्नाटक हाई कोर्ट ने उन्हें चिकित्सा आधार पर छह हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी. हाई कोर्ट का कहना था कि अभियोजन पक्ष गिरफ्तारी के ठोस और विशिष्ट आधार पेश करने में असफल रहा. इस दौरान अदालत ने पत्रकार प्रबीर पुरकायस्थ मामले का हवाला देते हुए कहा था कि गिरफ्तारी के आधार प्रत्येक आरोपी के लिए अलग-अलग और स्पष्ट होने चाहिए.

कर्नाटक सरकार ने इस जमानत आदेश को चुनौती देते हुए 6 जनवरी 2025 को कृष्णा एंड निशानी लॉ चैंबर्स के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का आदेश रद्द करते हुए सभी आरोपियों की जमानत रद्द कर दी.

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