Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर से चौंका देने वाली खबर सामने आई है. जहां 20 वर्षीय एक युवती की हत्या करके शव को सूटकेस में रखकर 95 किलोमीटर दूर बांदा में यमुना नदी में फेंक दिया. यह घटना फतेहपुर के हरिखेड़ा निवासी इलेक्ट्रीशियन सूरज और उसके दोस्त आशीष की गिरफ्तारी के बाद सामने आई, जिसने शव को ठिकाने लगाने में मदद की थी. यह अपराध 21 जुलाई को कानपुर के हनुमंत विहार में हुआ था.
पीड़िता आकांक्षा अपनी बड़ी बहन प्रतीक्षा के साथ बर्रा में रहती थी. लगभग एक साल पहले इंस्टाग्राम के जरिए उसकी दोस्ती सूरज से हुई थी. सूरज ने उसे बर्रा के एक रेस्टोरेंट में नौकरी दिलाने में मदद की और बाद में उसे हनुमंत विहार के एक अन्य रेस्टोरेंट में नौकरी करने का सुझाव दिया. इसके बाद आकांक्षा, प्रमोद तिवारी के घर पर सूरज द्वारा किराए पर लिए गए कमरे में रहने लगी, जहां सूरज आता-जाता था. आकांक्षा के परिवार को इस रिश्ते के बारे में पता था.
विवाद कब शुरू हुआ?
पुलिस के अनुसार, विवाद तब शुरू हुआ जब आकांक्षा को सूरज के किसी अन्य महिला के साथ संबंध का पता चला. दोनों के बीच रेस्टोरेंट में और बाद में घर पर झगड़ा किया, जहां सूरज ने आकांक्षा का गला घोंट दिया. फिर उसने शव को ठिकाने लगाने में मदद के लिए अपने दोस्त आशीष को बुलाया.
शव को सूटकेस में भरकर नदी में फेंका
उन लोगों ने आकांक्षा के शव को एक सूटकेस में भरकर बांदा के चिल्ला घाट ले जाकर यमुना में फेंक दिया. पुलिस ने बताया कि शव को ठिकाने लगाने से पहले सूटकेस के साथ ली गई एक सेल्फी ऑनलाइन पोस्ट की गई थी, लेकिन उस समय इससे कोई संदेह नहीं हुआ.
आकांक्षा की मां विजयश्री ने बताया कि उनकी बेटी का फोन 22 जुलाई को बंद था. उसे ढूंढने के बार-बार प्रयास करने, जिसमें बर्रा चौकी और पुलिस आयुक्त कार्यालय के चक्कर लगाना भी शामिल था, के बावजूद 8 अगस्त तक गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई. 16 सितंबर को विजयश्री ने सूरज के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और सूरज को गिरफ्तार कर लिया गया.
सूरज ने किया गुनाह कबूल
कॉल डिटेल रिकॉर्ड और मोबाइल लोकेशन डेटा का इस्तेमाल करके, अधिकारियों ने पुष्टि की कि हत्या वाली रात आकांक्षा और सूरज साथ थे, जिसके बाद सूरज ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. सूरज ने स्वीकार किया कि तीखी बहस मारपीट में बदल गई और अंततः उसने आकांक्षा का गला घोंट दिया. उसने दावा किया कि उसने उस पर शादी के लिए दबाव डाला था और बलात्कार का झूठा आरोप लगाने की धमकी दी थी.
आरोपी ने किया खुलासा
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) दीपेंद्र नाथ चौधरी ने कहा कि संदिग्धों को गिरफ्तार कर जेल भेजने से पहले अदालत में पेश किया गया. हनुमंत विहार के थाना प्रभारी राजीव सिंह ने बताया कि शव को ठिकाने लगाने के बाद, सूरज ने आकांक्षा का मोबाइल बिहार जाने वाली एक ट्रेन के डिब्बे में छिपा दिया, क्योंकि उसे लगा कि इससे पुलिस की ट्रैकिंग में गड़बड़ी हो सकती है.
पुलिस आकांक्षा के शव की तलाश जारी रखे हुए है और सूरज के मोबाइल से मिली तस्वीर एक अहम सुराग साबित हो रही है.
जांच में घरेलू विवादों के जानलेवा हिंसा में बदलने के खतरे और गुमशुदा मामलों में समय पर हस्तक्षेप करने में अधिकारियों के सामने आने वाली चुनौतियों, दोनों पर प्रकाश डाला गया है.