‘लेह हिंसा में विदेशी हाथ नहीं’, LAB ने की न्यायिक जांच की मांग

लेह में हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के सह-अध्यक्ष चेरिंग डोरजे ने स्पष्ट किया कि इस हिंसा में किसी विदेशी हाथ का कोई हाथ नहीं था और उन्होंने इस घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की है.

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Ladakh, violence
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लेह में राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर शुरू हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप धारण कर लिया. लेह एपेक्स बॉडी ने हिंसा के लिए विदेशी हाथ की कथित भूमिका को खारिज करते हुए कहा कि यह स्थानीय युवाओं की प्रतिक्रिया थी. LAB ने इसके लिए न्यायिक जांच की मांग की और कहा कि प्रदर्शन में शामिल युवाओं ने जब सरकार की गंभीरता नहीं देखी, तो उनका गुस्सा बाहर निकल गया.

LAB के सह-अध्यक्ष चेरिंग डोरजे ने बताया कि 24 सितंबर को LAB के युवा नेता और स्थानीय युवाओं ने अचानक प्रदर्शन स्थल पर जमा होकर नियंत्रण खो दिया. उन्होंने कहा कि शुरुआत में कुछ युवाओं ने पत्थरबाजी की और हिल डेवलपमेंट काउंसिल कार्यालय को नुकसान पहुंचाया. इसके बाद कुछ युवाओं ने बीजेपी कार्यालय को भी नुकसान पहुंचाया. LAB ने युवाओं को रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन पुलिस की बिना चेतावनी के गोलीबारी ने स्थिति और बिगाड़ दी.

विदेशी हाथ का आरोप खारिज
डोरजे ने कहा कि लेह में कुछ लोगों ने दावा किया कि हिंसा में विदेशी हाथ शामिल था. उन्होंने स्पष्ट किया कि घायल लोगों में बाहरी राज्य या देशों के लोग भी शामिल थे, जो प्रदर्शनकारी नहीं बल्कि द्रष्टा थे. उन्होंने कहा कि यह दावा केवल प्रशासन की गलती छुपाने के लिए बनाया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारी शांतिप्रिय थे और कई लोग तिरंगा लेकर ही मौजूद थे.

पुलिस और CRPF पर आरोप
डोरजे ने पुलिस और हाल ही में लेह तैनात CRPF पर आरोप लगाया कि उन्होंने नियंत्रित भीड़ को रोकने के बजाय सीधे गोलीबारी की. उन्होंने कहा कि अधिकांश घायलों को गोली और पेलेट से चोटें आईं. LAB के अनुसार, CRPF की उपस्थिति प्रदर्शन को दबाने की योजना का हिस्सा थी. उन्होंने कहा कि LG और प्रशासन का कथन कि विदेशी हाथ शामिल था, गलत और गुमराह करने वाला है.

न्यायिक जांच और आगे की कार्रवाई
LAB ने घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की है. डोरजे ने कहा कि पुलिस द्वारा सीधी गोलीबारी पूरी तरह अवैध थी और यह स्पष्ट नहीं है कि इसे क्यों खोला गया. LAB की कानूनी टीम उन लोगों की जमानत सुनिश्चित करने पर काम कर रही है, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया है. प्रदर्शन के बाद गृह मंत्रालय के साथ बातचीत के लिए 6 अक्टूबर को फिर से बैठक तय की गई है.

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