India-Nepal Border: भारत-नेपाल सीमा पर हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. नेपाल में नई सरकार बनने के बाद रुपईडीहा बॉर्डर से यात्रियों और वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है. पांच दिनों से रुके हुए 500 से ज्यादा मालवाहक ट्रक आखिरकार नेपाल भेजे गए, जबकि नेपालगंज में फंसे सैकड़ों कारोबारी वाहन भारत लौट आए. अब सीमा पूरी तरह साफ हो चुकी है और व्यापारिक गतिविधियां पटरी पर लौटने लगी हैं.
शनिवार को रुपईडीहा बॉर्डर पर एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) से लगातार वाहन गुजरते दिखे. यात्री वाहन, कारें, मोटरसाइकिलें और पैदल यात्री बिना किसी रोक-टोक के नेपाल में दाखिल होते देखे गए. हालांकि, आम नागरिकों की आवाजाही अब भी सामान्य दिनों की तुलना में काफी कम रही. आमतौर पर यहां से रोजाना करीब 50,000 लोग सीमा पार करते हैं, लेकिन शनिवार को यह संख्या घटकर करीब 20,000 रह गई.
सीमा पर सुरक्षा की निगरानी
इस दौरान कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जा रहे 20 भारतीय श्रद्धालुओं का जत्था भी रुपईडीहा से नेपाल की ओर रवाना हुआ. सीमा पर सुरक्षा की निगरानी कर रही 42वीं बटालियन सशस्त्र सीमा बल यानी एसएसबी के कमांडेंट गंगा सिंह उडावत ने बताया कि नई सरकार बनने के बाद हालात सुधर रहे हैं. किसी भी यात्री या वाहन को बिना पहचान की पुष्टि के प्रवेश नहीं दिया जा रहा, लेकिन किसी को रोका भी नहीं गया.
कारोबारी वाहन भेजे गए नेपाल
भूमि बंदरगाह प्राधिकरण के प्रभारी अधिकारी सुधीर शर्मा ने जानकारी दी कि शनिवार को 500 से अधिक कारोबारी वाहन नेपाल भेजे गए. इनमें डीजल, पेट्रोल, गैस और खाद्य सामग्री की बड़ी खेप शामिल थी. वहीं, नेपालगंज में फंसे सभी कारोबारी वाहन सामान की सप्लाई पूरी करने के बाद भारत लौट आए. इससे ट्रक ड्राइवरों और सहायकों के चेहरों पर राहत की मुस्कान लौट आई.
व्यापार के लिहाज से बेहद अहम
सुधीर शर्मा ने बताया कि रुपईडीहा बॉर्डर भारत और नेपाल के बीच व्यापार के लिहाज से बेहद अहम है. यहां से होने वाला कारोबार लगभग 99 प्रतिशत निर्यात और केवल 1 प्रतिशत आयात का है. नेपाल से भारत को हर्बल दवाइयां भेजी जाती हैं. शनिवार को भी नेपाल से हर्बल दवाइयों से भरे दो ट्रक भारत पहुंचे. सीमा पर सामान्य स्थिति बहाल होने से दोनों देशों के व्यापारी और स्थानीय लोग राहत महसूस कर रहे हैं. पांच दिनों तक रुकी सप्लाई ने नेपाल के भीतर ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की कमी पैदा कर दी थी. अब स्थिति सामान्य होने से उम्मीद है कि बाजारों में रौनक लौटेगी और दोनों देशों के बीच व्यापार फिर से तेजी पकड़ेगा.
















