Military Intervention In Nepal: नेपाल में बढ़ते विरोध प्रदर्शन के बीच मंगलवार शाम प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद नेपाली सेना ने कमान अपने हाथ में ले ली है. आधिकारिक तौर पर मंगलवार रात 10 बजे से सेना ने अपनी सुरक्षा जिम्मेदारियां संभाल ली हैं. साथ ही अशांति को रोकने के लिए एक स्पेशल अभियान शुरू किया है.
सैनिकों ने नेपाल की राजधानी में गश्त की और स्थानीय लोगों को घर के अंदर रहने के आदेश दिए. काठमांडू में प्रमुख चौराहों और सरकारी जगहों पर स्थिरता लाने के लिए राइफलों से लैस सैनिक तैनात किए गए हैं. विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल अशांति को नियंत्रित करने में विफल रहे थे. ऐसे में सेना का कमान अपने हाथ में लेना एक अहम मोड़ साबित हुआ है.
शाम 5 बजे तक प्रभावी रहेगा कर्फ्यू:
नेपाल की सुरक्षा व्यवस्था को अपने हाथ में लेने के साथ ही सेना ने कर्फ्यू की घोषणा की है. यह आज शाम 5 बजे तक प्रभावी रहेगा. इसके बाद पब्लिक सिक्योरिटी के खतरे को देखते हुए गुरुवार सुबह 6 बजे तक देशव्यापी कर्फ्यू लागू रहेगा.
निषेधाज्ञा तथा कर्फ्यू सम्बन्धमा नेपाली सेनाको अपिल ।#NepaliArmy #NationalUnity pic.twitter.com/NtGw7GVI9a— Nepali Army (@NepaliArmyHQ) September 10, 2025
26 लोगों को किया गिरफ्तार:
बुधवार को लूटपाट और तोड़फोड़ के आरोप में करीब 26 लोगों को सेना ने गिरफ्तार किया. इनमें से पांच को न्यू बानेश्वर में एक बैंक लूटने के आरोप में और बाकी के 21 अन्य को काठमांडू के बौद्ध क्षेत्र और भक्तपुर जिले के कुछ हिस्सों में हिंसक घटनाओं के सिलसिले में गिफ्तार किया गया. नेपाली सेना ने कहा कि ये लोग लूटपाट, आगजनी और अन्य गैरकानूनी काम में शामिल थे.
सेना का हस्तक्षेप उस दौरान आया है, जब नेपाल में राजनीतिक संकट गहरा गया है. प्रधानमंत्री ओली के अलावा, गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, युवा एवं खेल मंत्री तेजू लाल चौधरी और जल संसाधन मंत्री प्रदीप यादव समेत कई प्रमुख मंत्रियों ने हाल में इस्तीफा दे दिया है. नेपाली सेना ने संकेत दिया है कि वह देश में स्थिरता बनाए रखने के लिए सुरक्षा स्थिति की निगरानी जारी रखेगी.