इस्तांबुल में हुई पाकिस्तान-अफगानिस्तान शांति वार्ता इस हफ्ते चार दिनों की बातचीत के बाद टूट गई है. शुरुआत में पाकिस्तान ने भारत पर दोष मढ़ा, लेकिन अफगान मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया कि बातचीत के विफल होने की असली वजह पाकिस्तान का अमेरिका के साथ हुआ गुप्त ड्रोन समझौता था.
इस खुलासे के बाद अफगान प्रतिनिधियों ने पाकिस्तान से दो-टूक जवाब मांगा कि वह अपनी वायुसीमा में विदेशी ड्रोन उड़ानों को रोके.
ड्रोन डील से पीछे हटे पाकिस्तानी प्रतिनिधि
TOLO News के मुताबिक, अफगान वार्ताकारों ने पाकिस्तान से लिखित प्रतिबद्धता मांगी थी कि वह अफगान वायुसीमा का उल्लंघन नहीं करेगा और विदेशी ड्रोन उड़ानों को रोकेगा. बदले में अफगानिस्तान ने सीमा पार आतंकी गतिविधियों, खासकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), को रोकने का वादा किया था. लेकिन जब पाकिस्तानी दल ने स्वीकार किया कि उसके क्षेत्र से ‘एक देश’ ड्रोन ऑपरेशन चला रहा है, तो वार्ता वहीं ठप हो गई.
अमेरिका से हुए गुप्त समझौते का खुलासा
TOLO News ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान ने पहली बार आधिकारिक तौर पर माना कि उसका अमेरिका के साथ एक ड्रोन करार है. पाकिस्तान ने दावा किया कि वह इस समझौते को तोड़ नहीं सकता. ट्रम्प प्रशासन के दौरान इस रक्षा सहयोग में तेजी आई थी. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर दोनों ने हाल में व्हाइट हाउस का दौरा किया था. बताया गया कि अमेरिका अब बगराम एयरबेस वापस चाहता है.
फोन कॉल जिसने बदल दी पाकिस्तान की स्थिति
अफगान वार्ताकारों ने बताया कि बातचीत के शुरुआती चरण में पाकिस्तानी दल शर्तों पर सहमत दिख रहा था, लेकिन एक फोन कॉल के बाद उसका रुख पूरी तरह बदल गया. माना जा रहा है कि यह कॉल पाकिस्तान की ‘हाई कमांड’ से आई थी. उसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने साफ कहा कि अमेरिकी ड्रोन ऑपरेशन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है. कतर और तुर्की मध्यस्थ इस अचानक बदलाव से हैरान रह गए.
भारत पर झूठा आरोप और सीमा पर तनाव
बातचीत टूटने के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत पर वार्ता बिगाड़ने का आरोप लगाया और कहा कि ‘काबुल की डोर दिल्ली से हिलती है.’ हालांकि अफगान मीडिया ने बताया कि पाकिस्तानी रुख में बदलाव उस फोन कॉल के तुरंत बाद आया था. उधर, सीमा पर सितंबर-अक्टूबर में हुई झड़पों में 200 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद अब भी तनाव है. अफगान रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब ने चेतावनी दी है कि किसी भी नई वायुसीमा उल्लंघन पर ‘जवाबी कार्रवाई’ होगी.
















