पाकिस्तान में फिर कांपी धरती, हिंदू कुश में 220 किमी गहराई में आया 4.5 तीव्रता का भूकंप, घरों से बाहर निकले लोग

पाकिस्तान के स्वात और खैबर पख्तूनख्वा इलाकों में बुधवार को धरती कांप उठी. हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला के भीतर 220 किलोमीटर गहराई में 4.5 तीव्रता के भूकंप के झटकों ने लोगों को दहशत में डाल दिया.

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पाकिस्तान में एक बार फिर धरती ने करवट ली है. बुधवार रात को आए भूकंप ने उत्तरी पाकिस्तान के कई इलाकों में लोगों को हिला कर रख दिया. भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान की सीमा से सटे हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला के भीतर बताया जा रहा है, जो पहले भी कई बार शक्तिशाली झटकों का केंद्र रह चुकी है. इस बार की भूकंपीय गतिविधि ने पुराने भय को फिर से ताज़ा कर दिया है.

भूकंपीय संस्थानों से मिली जानकारी के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गई है. इसका केंद्र हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला के भीतर 220 किलोमीटर की गहराई में बताया जा रहा है. गहराई अधिक होने के कारण सतह पर झटके उतने तीव्र नहीं महसूस किए गए, लेकिन फिर भी स्वात और खैबर पख्तूनख्वा में लोगों ने तेज झटके महसूस किए. इस क्षेत्र की भूगर्भीय बनावट ऐसी है कि यहां टेक्टॉनिक प्लेटों की हलचल अक्सर भूकंपीय घटनाओं का कारण बनती है.

लोगों में दहशत, सड़कों पर उमड़ी भीड़

जैसे ही धरती हिली, स्वात, मिंगोरा और आस-पास के इलाकों में लोग घरों से बाहर निकल आए. कई इलाकों में लोग दुआएं पढ़ते हुए खुले मैदानों में जुट गए. सोशल मीडिया पर भी भूकंप से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हुए, जिनमें लोग अफरातफरी में घरों से निकलते नजर आए. हालांकि, भूकंप की तीव्रता अपेक्षाकृत कम होने के कारण किसी भी तरह की जनहानि या संरचनात्मक नुकसान की खबर नहीं मिली है.

स्थानीय प्रशासन सतर्क

भूकंप के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया. स्वात जिला प्रशासन ने बयान जारी करते हुए कहा कि सभी राहत दल तैयार हैं और फिलहाल किसी तरह की हानि की सूचना नहीं है. प्रशासन ने नागरिकों से शांति बनाए रखने और झूठी अफवाहों से बचने की अपील की है.

गहराई के कारण कम हुआ प्रभाव

भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि हिंदू कुश क्षेत्र में आने वाले अधिकांश भूकंप ‘इंटरप्लेट क्वेक्स’ होते हैं, जिनका केंद्र बहुत गहराई में होता है. यही वजह है कि झटके व्यापक क्षेत्र में महसूस होते हैं लेकिन सतही नुकसान सीमित रहता है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि यह क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से सक्रिय है, इसलिए भविष्य में भी ऐसे झटके महसूस हो सकते हैं.

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