जयपुर: शुक्रवार दोपहर जयपुर में राजस्थान हाई कोर्ट में अचानक बम की धमकी से अफरा-तफरी मच गई. अफरा-तफरी तब शुरू हुई जब रजिस्ट्रार एडमिनिस्ट्रेशन को एक गुमनाम ईमेल मिला जिसमें दावा किया गया था कि कोर्ट परिसर के अंदर एक विस्फोटक रखा गया है और यह कभी भी फट सकता है. कुछ ही मिनटों में, सिक्योरिटी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया और पूरे इलाके को हाई अलर्ट पर रख दिया गया.
चेतावनी के बाद बड़े पैमाने पर लोगों को निकाला गया. चीफ जस्टिस समेत सभी जजों, वकीलों, कोर्ट स्टाफ और विजिटर्स को मेन बिल्डिंग से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. रजिस्ट्री ऑफिस, एडिशनल बिल्डिंग, कैंटीन और पार्किंग एरिया समेत पूरे हाई कोर्ट कैंपस को तुरंत खाली करा लिया गया. एंट्री और एग्जिट गेट सील कर दिए गए और जब तक इलाके को सुरक्षित घोषित नहीं किया गया, तब तक किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं थी.
अलर्ट के बाद सर्च ऑपरेशन शुरू
अलर्ट के तुरंत बाद, ATS, बम डिस्पोजल स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड की टीमें कोर्ट पहुंचीं और जोरदार सर्च ऑपरेशन शुरू किया. ट्रेंड कुत्तों और बम डिटेक्शन डिवाइस का इस्तेमाल करके परिसर के हर कोने को स्कैन किया गया. साथ ही इस दौरान, साइबर सेल ने ईमेल भेजने वाले का IP एड्रेस और लोकेशन ट्रेस करना शुरू कर दिया ताकि यह पता लगाया जा सके कि धमकी किसने भेजी थी.
कोर्ट की सुनवाई रोक दी गई
बम की अफवाह के कारण, सभी कोर्ट की सुनवाई रोक दी गई. फाइलें, रजिस्ट्री ऑपरेशन और कॉपी करने की सर्विस बंद कर दी गईं. वकीलों के चैंबर, लाइब्रेरी और कैंटीन पूरी तरह खाली करा दिए गए. चीफ जस्टिस और दूसरे जजों को खास सिक्योरिटी प्रोटेक्शन के तहत एक सुरक्षित जगह पर ले जाया गया, जबकि स्टाफ को कुछ समय के लिए सेफ जोन में ले जाया गया.
पिछले महीने भी दी थी धमकी
जयपुर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि ईमेल एक धोखा हो सकता है, लेकिन कोई चांस नहीं लिया जा रहा है. जब तक सर्च ऑपरेशन पूरी तरह से पूरा नहीं हो जाता, कैंपस बंद रहेगा. अधिकारियों ने कन्फर्म किया कि पिछले महीने जयपुर की अदालतों में बम की यह दूसरी ऐसी धमकी है सेशंस कोर्ट में पिछली धमकी भी फेक निकली थी.
















