20 साल का युवक AI की मदद से बना ‘अघोरी तात्रिंक’, वशीकरण के नाम पर करोड़ों ठगे, सोशल मीडिया को कैसे बनाया धंधे का अड्डा?

राजस्थान के झुंझुनू में रहने वाले 20 साल के राहुल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर खुद को ‘अघोरी तांत्रिक’ बताकर देशभर के 50 से ज्यादा लोगों को ठग लिया.

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डिजिटल युग में जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल दुनिया बदलने के लिए हो रहा है, वहीं राजस्थान का एक युवक इसे छल का औजार बना बैठा. 20 साल के राहुल ने AI की मदद से खुद को ‘अघोरी तांत्रिक’ दिखाया और सोशल मीडिया पर ऐसी डरावनी तस्वीरें और वीडियो बनाए कि लोग उसके झांसे में आ गए.

रिश्तों की समस्याओं से परेशान लोग जब उसकी मदद लेने पहुंचे, तो उसने ‘भूत-प्रेत हटाने’ और ‘बॉयफ्रेंड कंट्रोल’ के नाम पर लाखों रुपये ऐंठ लिए.

AI से बनाया नकली ‘अघोरी’ का संसार

राजस्थान के झुंझुनू का रहने वाला राहुल सोशल मीडिया पर ‘AGHORI_JI_RAJASTHAN’ नाम से पेज चलाता था. पुलिस के अनुसार, वह खुद को तांत्रिक और चमत्कारी शक्ति रखने वाला व्यक्ति बताता था. इसके लिए वह AI टूल्स की मदद से ‘भूतिया परछाइयों’ और ‘तंत्र क्रिया’ की फर्जी तस्वीरें बनाता था. इन तस्वीरों और वीडियो को वह रील्स और वेबसाइट पर अपलोड करता था, ताकि लोग उसे असली तांत्रिक समझें. उसने पेड प्रमोशन के जरिए अपनी पोस्ट की पहुंच बढ़ाई और अधिक फॉलोअर्स जुटाए.

‘बॉयफ्रेंड कंट्रोल’ से ‘ब्लैक मैजिक’ तक का जाल

राहुल के पोस्ट में दावा किया जाता था कि वह ब्रेकअप, फैमिली डिस्प्यूट, लव मैरिज और ‘बॉयफ्रेंड कंट्रोल’ जैसी समस्याओं का समाधान कर सकता है. उसके पेज पर ऐसी भावनात्मक भाषा और डर पैदा करने वाली बातें लिखी होती थीं कि मानसिक रूप से परेशान लोग आसानी से उसकी गिरफ्त में आ जाते थे. जो लोग उससे संपर्क करते, उन्हें वह यह कहकर डराता कि उनके घर पर किसी ‘बुरी आत्मा’ का साया है या उन पर ब्लैक मैजिक हुआ है.

ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के बाद करता देता था ब्लॉक

एक बार जब पीड़ित राहुल की बातों में आ जाते, तो वह ‘पूजा सामग्री’ या ‘तंत्र अनुष्ठान’ के नाम पर पैसे मांगता. वह UPI ट्रांजैक्शन से रकम अपने और परिवार के खातों में मंगवाता. पैसे मिलते ही वह कॉल्स और चैट डिलीट कर देता, जिससे कोई सबूत न बचे. दिल्ली की एक महिला ने शिकायत की कि राहुल ने उससे ₹1.14 लाख की ठगी की थी. उसने बताया कि आरोपी ने उसे घर में ‘भूत’ दिखाने के लिए नकली तस्वीरें भेजीं और डराकर पैसे ऐंठ लिए.

पुलिस की साइबर जांच में फंसा जाल

शिकायत मिलने के बाद दिल्ली पुलिस की साइबर टीम ने जांच शुरू की. मनी ट्रेल और मोबाइल डेटा के आधार पर राहुल तक पहुंचा गया. उसने गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदले, लेकिन 9 अक्टूबर को झुंझुनू से दबोच लिया गया. पुलिस ने उसके पास से तीन मोबाइल, पांच सिम कार्ड, तीन डेबिट कार्ड और फर्जी वेबसाइट बरामद की है. पूछताछ में राहुल ने स्वीकार किया कि वह कई महीनों से लोगों को उनके डर और अंधविश्वास का फायदा उठाकर ठग रहा था. पुलिस अब उसके बाकी पीड़ितों और संभावित सहयोगियों की तलाश कर रही है.

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