भारत- अमेरिका टैरिफ वॉर के बीच विदेश मंत्री एस.जयशंकर रूस की राजधानी मॉस्को का दौरा करेंगे, जहां उनकी मुलाकात रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से होगी. यह यात्रा उस समय हो रही है जब वैश्विक कूटनीति बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रही है, खासकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद.
भारत-रूस द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर होगी चर्चा
रूसी विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए बताया कि 21 अगस्त को सर्गेई लावरोव और एस. जयशंकर के बीच मॉस्को में वार्ता होगी. इस बैठक में दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े प्रमुख विषयों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग के अहम पहलुओं पर चर्चा करेंगे.
पहले भी हुई SCO और BRICS में मुलाकातें
यह वार्ता शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की 15 जुलाई को हुई बैठक के बाद हो रही है, जिसमें जयशंकर और लावरोव की मुलाकात हुई थी. इसके पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोसोव के बीच जून में चीन के क़िंगदाओ में SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान वार्ता हुई थी.
रक्षा सहयोग रहेगा प्रमुख एजेंडा
भारत और रूस के बीच इस बैठक में रक्षा क्षेत्र में सहयोग अहम मुद्दा रहेगा. भारत द्वारा रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति, सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों का उन्नयन और महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों की त्वरित खरीद जैसे विषयों पर चर्चा होने की संभावना है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इन मुद्दों पर पहले भी दोनों पक्ष गंभीरता से विचार कर चुके हैं.
ब्रिक्स और जोहान्सबर्ग में भी हो चुकी बैठके
जयशंकर और लावरोव की इस साल पहले भी कई बार मुलाकात हो चुकी है. 6 जुलाई को ब्राजील के रियो डी जेनेरो में 17वें ब्रिक्स सम्मेलन के मौके पर भी दोनों नेताओं ने बातचीत की थी. इसके अलावा फरवरी में जोहान्सबर्ग में हुई एक बैठक में द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा की गई थी.
PM मोदी और पुतिन के बीच यूक्रेन संकट पर चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर विस्तृत बातचीत की. यह वार्ता भारत-अमेरिका व्यापार तनाव और नए अमेरिकी टैरिफ के संदर्भ में हुई थी. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध की स्थिति पर चर्चा की, जिसमें पीएम मोदी ने एक बार फिर शांति और कूटनीतिक समाधान के पक्ष में भारत की अडिग नीति को दोहराया.
भारत का शांति वार्ता को समर्थन, “यह युद्ध का युग नहीं है”
भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में होने वाली आगामी वार्ता का स्वागत किया है. इस बातचीत का उद्देश्य यूक्रेन संकट का समाधान खोजना है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत हर उस प्रयास का समर्थन करेगा जो शांति की दिशा में हो, और यह प्रधानमंत्री मोदी की इस बात को दोहराता है कि “यह युद्ध का युग नहीं है.”