Haryana ADGP Suicide Case: हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले ने बड़ा मोड़ ले लिया है. चंडीगढ़ पुलिस ने उनकी पत्नी और आईएएस अधिकारी अनमीत पी. कुमार की शिकायत पर हरियाणा पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. आरोप है कि इन अधिकारियों ने वाई पूरन कुमार को आत्महत्या के लिए उकसाया.
चंडीगढ़ पुलिस ने जानकारी दी कि सेक्टर 11 थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. इसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 आरडब्ल्यू 3(5) (आत्महत्या के लिए उकसाना) और एससी एसटी एक्ट 1989 की धारा 3(1)(r) के तहत केस दर्ज हुआ है. पुलिस ने कहा कि मामले की जांच जारी है और एफआईआर मृतक अधिकारी के सुसाइड नोट में दर्ज नामों के आधार पर की गई है.
वाई पूरन कुमार आत्महत्या मामला
वाई पूरन कुमार 52 वर्ष के थे और 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. उन्होंने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने सेक्टर 11 आवास में कथित रूप से अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. उनका शव घर के बेसमेंट वाले कमरे से बरामद हुआ था. सुसाइड नोट में वाई पूरन कुमार ने कई वरिष्ठ आईपीएस और आईएएस अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना, सार्वजनिक अपमान और जातीय भेदभाव के आरोप लगाए. उन्होंने लिखा कि उन्हें लंबे समय से परेशान किया जा रहा था और उनके खिलाफ झूठे केस बनाए गए.
डीजीपी शत्रुजीत कपूर पर आरोप
वाई पूरन कुमार द्वारा अपने सुसाइड नोट में आईपीएस और आईएएस अधिकारियों पर आरोप लगाए गया कि शत्रुजीत कपूर को 1 जनवरी, 2015 से बकाया वेतन मिल गया था, लेकिन जब मैंने उचित आधार पर इसकी मांग की, तो उन्होंने तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज और अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह, टीवीएसएन प्रसाद के सामने मुझे सार्वजनिक रूप से अपमानित किया और विरोधस्वरूप मेरा बकाया रोक लिया. झूठी शिकायतें दर्ज करने और सरकारी आवास व सरकारी वाहन के लिए अतिरिक्त शर्तें लगाने के आरोप लगाए. एडीजीपी संजय कुमार, आईजी पंकज नैन, आईपीएस कला रामचंद्रन, आईपीएस संदीप खिर्वार, आईपीएस सिबाश कविराज, पूर्व डीजीपी मनोज यादव और पीके अग्रवाल पर भी मानसिक उत्पीड़न और झूठे आरोप लगाने की बात कही गई.
आईएएस अधिकारियों पर लगे आरोप
आईएएस अधिकारियों में टी वी एस एन प्रसाद और राजीव अरोड़ा के खिलाफ भी आरोप लगाए गए. राजीव अरोड़ा पर आरोप है कि उन्होंने उन्हें अपने पिता से आखिरी बार मिलने की छुट्टी नहीं दी जिसके कारण वे अपने पिता के अंतिम समय में मौजूद नहीं रह सके. इसे उन्होंने अपने जीवन का सबसे बड़ा दर्द बताया.