दिल्ली एयरपोर्ट पर तस्करी का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने कस्टम अधिकारियों तक को हैरान कर दिया. बैंकॉक से लौट रहा एक भारतीय यात्री अपने बैग में इलेक्ट्रिक कैटल और कुछ डिब्बों में लाखों रुपये का हाइड्रोपोनिक गांजा छिपाकर ला रहा था.
वह लगभग कस्टम जांच से बच भी गया था, लेकिन अधिकारियों की चौकसी ने उसकी चालाकी को बेनकाब कर दिया. इस पूरे मामले का वीडियो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है.
इलेक्ट्रिक कैटल में छिपा ‘ग्रीन ट्रैप’
20 अक्टूबर 2025 की सुबह दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों ने बैंकॉक से लौटे एक यात्री की गतिविधियों पर शक किया. जानकारी के अनुसार यह यात्री ग्रीन चैनल पार कर चुका था, लेकिन उसकी बेचैनी ने अधिकारियों का ध्यान खींच लिया. जब बैग की जांच की गई, तो इलेक्ट्रिक कैटल और डिब्बों के अंदर पैक किए गए छह छोटे पैकेट मिले. इन्हें खोलने पर अधिकारियों के होश उड़ गए- इनमें हाइड्रोपोनिक गांजा था, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 3 करोड़ रुपये से अधिक है.
ऐसे हुई तस्करी की योजना
जांच में सामने आया कि आरोपी ने इस हाई-क्वालिटी ड्रग को बैंकॉक से खरीदकर भारत लाने की योजना बनाई थी. उसने गांजे को पहले वैक्यूम पैक करवाया, फिर उसे इलेक्ट्रिक कैटल के अंदर सावधानी से फिट कर दिया ताकि मशीनों से स्कैनिंग में यह सामान सामान्य दिखे. उसने अतिरिक्त परत के रूप में गंध-रोधी प्लास्टिक का इस्तेमाल किया था. इसके बावजूद कस्टम अधिकारियों की सतर्क नजरों से वह नहीं बच सका.
भारत में तेजी से फैल रहा ‘हाइड्रोपोनिक ट्रेंड’
हाइड्रोपोनिक गांजा सामान्य गांजे से अलग और कई गुना शक्तिशाली होता है. इसे मिट्टी में नहीं बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर जल घोल में उगाया जाता है, जिससे इसमें टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (THC) की मात्रा 30-40% तक पहुंच जाती है. भारत में इसे ‘ओजी’ नाम से जाना जाता है और यह युवाओं के बीच नई नशे की लहर बनता जा रहा है. चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद और मुंबई में भी पिछले महीनों में ऐसे कई केस सामने आए हैं.
कस्टम विभाग की सख्ती और आगे की जांच
कस्टम अधिकारियों ने यात्री को मौके पर गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है. जांच अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या यह अकेला मामला है या इसके पीछे किसी बड़े इंटरनेशनल नेटवर्क का हाथ है. दिल्ली कस्टम ने यात्रियों को चेतावनी दी है कि नशे की तस्करी के खिलाफ विभाग की सतर्कता अब और कड़ी की जा रही है. विभाग का कहना है कि चाहे तस्करी कितनी भी चालाकी से की जाए, निगरानी प्रणाली और प्रशिक्षित अधिकारियों की नजरों से कोई नहीं बच सकता.
















