Ramayana-Ramlila Lessons: बचपन से आप सभी सुनते आ रहे होंगे कि बच्चों का मन एक कच्ची मिट्टी की तरह होता है, जिसे आप जिस भी आकार में ढालना चाहे ढाल सकते हैं. दुनिया के हर माता पिता यही चाहते हैं कि उनके बच्चे बड़े होकर समाज के लिए वरदान बने न कि श्राप. इसलिए वो अपनी पूरी कोशिश करते हैं कि अपने बच्चों को शुरू से ही सही शिक्षा और संस्कार दें पाएं.
देश का बच्चा-बच्चा ये जानता है कि दशहरा सिर्फ बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व नहीं है. इसके पीछे जो पौराणिक कहानी है उससे बच्चों में अच्छे संस्कार के बीज बोए जा सकते हैं. आज दुनिया समाज में जो बुरे हालात हैं उसे देखकर हर माता पिता के मन में डर है कि कहीं बच्चों की परवरिश में उनसे कोई चूक ना हो जाए.
राम, लक्ष्मण और सीता
आज कल के बच्चे बड़े होते नहीं है कि वो गलत रास्ता पकड़ लेते हैं. इस त्योहार में आप अपने जिगर के टुकड़े को रामलीला दिखाएं और घर पर रामायण के बारे में बताएं. इससे उनमें जीवन को अलग तरह से देखने का नजरिया बदलेगा. कथा के हर पात्र से बच्चे कुछ ना कुछ सीखेंगे. कहानी वैसे भी उन्हें बहुत पसंद होता है तो इस वजह से वो जल्दी प्रभावित होंगे. भगवान राम, लक्ष्मण और सीता जैसे आदर्श उनके व्यक्तित्व को मजबूत बना सकते हैं.
रामलीला देखने और रामायण पढ़ने के फायदे
रामलीला देखने और रामायण पढ़ने से बच्चों को कई तरह की सीख मिलती है. जैसे कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयां क्यों न आएं, धैर्य, त्याग, आदर और सच्चाई ही आपको एक अच्छा इंसान बनाती है. इस मौके पर अगर माता-पिता बच्चों को राम, लक्ष्मण, सीता और भरत जैसे चरित्रों की कहानियों से रूबरू कराएं, तो निश्चित ही बच्चों के व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव आएगा.
क्या सीख मिलती है?
- राम बड़े राजा होते हुए भी जीवन की कठिनाइयों से गुज़रे. बच्चों को सिखाएं कि समस्याओं से भागना नहीं, बल्कि उनका साहस के साथ सामना करना चाहिए.
- राम, लक्ष्मण और भरत ने अपने रिश्तों को सत्ता से ऊपर रखा. यह बच्चों को रिश्तों की अहमियत समझाने का सही उदाहरण है.
- कैकेयी जैसी गलत संगत से पूरा राजपरिवार दुख में डूब गया. बच्चों को सिखाएं कि नकारात्मक लोगों से दूरी बनाए रखना चाहिए.
- रावण विद्वान होने के बावजूद अहंकार के कारण नष्ट हुआ. बच्चों को समझाएं कि घमंड इंसान के सारे गुणों पर भारी पड़ता है.