कल्पना कीजिए, अगर आपको सड़क पर या किसी लैब में एक प्रेगनेंट रोबोट दिख जाए, जो इंसानी बच्चे को जन्म देने की तैयारी कर रहा हो. यह दृश्य किसी साइंस-फिक्शन फिल्म का हिस्सा लग सकता है, लेकिन अब यह कल्पना हकीकत बनने वाली है. चीन अगले एक साल के भीतर ऐसा रोबोट लॉन्च करने की तैयारी में है, जो इंसान की तरह प्रेगनेंट होकर बच्चा जन्म दे सकेगा. इस तकनीक को लेकर जहां कुछ लोग इसे विज्ञान में क्रांतिकारी कदम मान रहे हैं, वहीं कई विशेषज्ञ और आम लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर मशीन इंसान के बच्चे पैदा करेगी तो प्यार का भाव और मां-बच्चे के रिश्ते का असली सार कैसे बरकरार रहेगा.
प्रेग्नेंट रोबोट का कीमत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुआंगजौ स्थित टेक कंपनी ‘काइवा’ दुनिया का पहला ऐसा रोबोट तैयार कर रही है, जो प्रेग्नेंसी का सिमुलेशन कर सकेगा. इसकी अनुमानित कीमत 1 लाख युआन (लगभग 13,900 डॉलर) यानी करीब 12 लाख रुपये होगी. कंपनी का दावा है कि यह रोबोट एक साल के भीतर बाजार में उपलब्ध होगा.
काइवा टेक्नोलॉजी का यह प्रोजेक्ट
काइवा टेक्नोलॉजी का यह प्रोजेक्ट पारंपरिक IVF या सरोगेसी से बिल्कुल अलग है. इसमें एक विशेष इन्क्यूबेशन पॉड और रोबोटिक पेट का इस्तेमाल होगा, जो गर्भ के अंदर के माहौल को बिल्कुल वास्तविक रूप में दोहराएगा. यह रोबोट गर्भधारण से लेकर डिलीवरी तक की पूरी प्रक्रिया को अंजाम देगा, ताकि जन्म प्रक्रिया इंसान जैसी हो सके.
प्रोजेक्ट के पीछे का मकसद
काइवा टेक्नोलॉजी के संस्थापक और सीईओ झांग किफेंग ने सनसनीखेज दावा किया है कि उनकी यह क्रांतिकारी तकनीक खास तौर पर उन महिलाओं के लिए तैयार की जा रही है, जो मां बनने की ख्वाहिश रखती हैं, लेकिन प्रेगनेंसी की जटिल प्रक्रिया से गुजरना नहीं चाहतीं. 2015 में स्थापित काइवा टेक्नोलॉजी इससे पहले सर्विस और रिसेप्शन रोबोट बना चुकी है और अब इस नए प्रोजेक्ट से एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की उम्मीद कर रही है.
सोशल मीडिया
यह खबर सामने आते ही चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तहलका मच गया. कुछ ही घंटों में इसे 10 करोड़ से अधिक बार देखा गया. कई यूजर्स ने इसे उन लोगों के लिए वरदान बताया, जो मेडिकल या व्यक्तिगत कारणों से बच्चे पैदा नहीं कर सकते. वहीं, कुछ ने चेतावनी दी कि यह तकनीक मां बनने की भावना और कानूनी पहचान से जुड़े गंभीर सवाल खड़े करेगी.
विशेषज्ञों क्या कहते हैं?
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि रोबोट से पैदा होने वाले बच्चों का स्वास्थ्य और मानसिक विकास कैसा होगा, यह एक बड़ा सवाल है. क्या वे पूरी तरह इंसानों जैसे होंगे? क्या उनका मानसिक और भावनात्मक विकास भी स्वाभाविक रूप से होगा?