गेहूं में रखी सल्फास से दो बच्चों की मौत से मचा कोहराम , कूलर की हवा से कमरे में फैली

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Madhya Pradesh
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ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक दिल दहला देने वाली त्रासदी घटी, जहां गेहूं के कीटनाशक से हुए जहरीले गैस रिसाव ने एक परिवार की सुकून भरी रात को बुरे सपने में बदल दिया. इस जानलेवा धुएं ने दो बच्चों की जान ले ली और उनके माता-पिता अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. यह घटना एक किराए के मकान में हुई जहां सत्येंद्र शर्मा अपनी पत्नी और दो बच्चों वैभव (4) और क्षमा (15) के साथ रहते थे. 

सोमवार रात, खाने के बाद, परिवार रोजाना की तरह सोने चला गया. आधी रात के आसपास उन्हें कमरे में एक अजीब सी दुर्गंध महसूस हुई. यह सोचकर कि यह सिर्फ गर्मी है, सत्येंद्र ने ताजी हवा लेने के लिए एयर कूलर चालू कर दिया लेकिन यह फैसला जानलेवा साबित हुआ. 

कैसे बनी जहरीली गैस?

पुलिस जांच में बाद में पता चला कि मकान मालिक ने घर के एक कमरे में लगभग 25 क्विंटल गेहूं रखा था. अनाज को कीड़ों से बचाने के लिए, बोरियों के अंदर सल्फास की गोलियां (एल्युमिनियम फॉस्फाइड से बना एक कीटनाशक) रखी गई थीं. जब ये गोलियां नमी या पानी के संपर्क में आईं, तो उन्होंने फॉस्फीन नामक एक बेहद जहरीली गैस छोड़ी.

बच्चों की मौत, ICU में माता-पिता

कूलर की हवा के कारण यह अदृश्य गैस पूरे कमरे में फैल गई जहां परिवार सो रहा था. कुछ ही घंटों में, चारों को खांसी, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ होने लगी. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन पहले 4 साल के वैभव की मौत हो गई, उसके बाद अगले दिन उसकी 15 साल की बहन क्षमा की भी मौत हो गई. उनके माता-पिता की हालत गंभीर बनी हुई है और वे जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

फेफड़े और दिल पर बुरा असर

क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. मनीष गुप्ता ने बताया कि फॉस्फीन गैस गंधहीन होती है या सड़ी हुई मछली या लहसुन जैसी गंध देती है और थोड़ी मात्रा में भी बेहद घातक होती है. यह फेफड़ों, हृदय और मस्तिष्क को प्रभावित करती है, जिससे कई अंग फेल हो जाते हैं. सल्फास विषाक्तता का कोई मारक नहीं है. इसका इलाज केवल अस्पताल के जीवन रक्षक प्रणालियों के माध्यम से ही किया जा सकता है.

मोहल्ले में शोक की लहर 

इस घटना से पूरे मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ गई है. गुस्साए रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल के बाहर सड़क जाम कर दी और घर के मालिक पर हत्या का मुकदमा (एफआईआर) दर्ज करने और परिवार को आर्थिक मुआवजा देने की मांग की. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुमन गुर्जर ने पुष्टि की कि फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) ने घटनास्थल से नमूने एकत्र किए हैं. प्रयोगशाला रिपोर्ट आने के बाद, इस भयावह और रोके जा सकने वाली त्रासदी के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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