Unemployment in India: जुलाई 2025 में भारत की बेरोजगारी दर में जबरदस्त कमी देखी गई है. जुलाई के महीने ममें बेरोजगारी दर घटकर 5.2% पर पहुंच गई है. यह पिछले तीन महीनों में सबसे निचला स्तर है. जून 2025 में यह दर 5.6% थी. केंद्र सरकार के ‘सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय’ ने सोमवार को यह ताजा आंकड़ा जारी किया है, जो देश में रोजगार के बढ़ते अवसरों की ओर इशारा करता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, शहरी क्षेत्रों में नौकरियों की संख्या में सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), दूरसंचार, विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग), और खुदरा (रिटेल) जैसे क्षेत्रों ने रोजगार के ग्राफ को ऊपर उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसके साथ ही, छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) में भर्तियों में वृद्धि ने ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में भी रोजगार के स्तर को बेहतर किया है. यह आर्थिक सुधार और सरकार की नीतियों का सकारात्मक परिणाम है.
श्रम बल भागीदारी दर में बढ़ोतरी
सीडब्ल्यूएस के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2025 में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) बढ़कर 41.4% हो गई, जो जून में 41% थी. ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर 41.5% से बढ़कर 42% और शहरी क्षेत्रों में 39.8% से बढ़कर 40.1% हो गई. यह वृद्धि कार्यबल में लोगों की बढ़ती भागीदारी को दर्शाती है.
श्रमिक जनसंख्या अनुपात में सुधार
श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई. ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए डब्ल्यूपीआर जून के 53.3% से बढ़कर 54.4% हो गया. शहरी क्षेत्रों में यह 47% रहा. राष्ट्रीय स्तर पर डब्ल्यूपीआर 51.2% से बढ़कर 52% हो गया. यह आंकड़ा रोजगार में स्थिरता और वृद्धि का संकेत देता है.
सर्वेक्षण की पद्धति और नमूना
उच्च आवृत्ति वाले श्रमबल संकेतकों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, पीएलएफएस की नमूना पद्धति को जनवरी 2025 से नया रूप दिया गया है. जुलाई में प्रथम चरण में 7,519 इकाइयों का सर्वेक्षण किया गया. इसमें 89,505 परिवार शामिल थे, जिनमें गांव के इलाके में 49,355 और शहरी इलाकों में 40,150 परिवार थे. साथ ही कुल 3,79,222 व्यक्तियों (ग्रामीण: 2,16,832, शहरी: 1,62,390) का सर्वेक्षण किया गया.