आमतौर पर हम खोई हुई चीजों के बारे में सोचते हैं कि वह कभी वापस नहीं मिलेंगी. लेकिन जब टेक्नोलॉजी और इंसानियत मिल जाएं तो चमत्कार भी हो जाते हैं. राजधानी दिल्ली में एक ऐसा ही किस्सा सामने आया जहां एक महिला का खोया हुआ फोन लौटाने में UPI पेमेंट ने बड़ी भूमिका निभाई. यह कहानी न सिर्फ ईमानदारी की मिसाल है, बल्कि डिजिटल इंडिया की ताकत भी दिखाती है.
एक Reddit यूजर ने अपनी पोस्ट में बताया कि वह और उनकी पत्नी शॉपिंग के लिए ई-रिक्शा से निकले थे. सफर खत्म होने पर उन्होंने रिक्शा चालक को UPI से किराया चुकाया और बिना ध्यान दिए आगे बढ़ गए. उसी दौरान पत्नी का फोन रिक्शा में गिर गया. घर पहुंचने तक उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि फोन कहां गया. समस्या यह थी कि फोन में SIM कार्ड तक इंस्टॉल नहीं था, इसलिए कॉल करके ढूंढने का कोई रास्ता नहीं था.
नाउम्मीदी के बाद भी की तलाश
पत्नी को जैसे ही फोन गायब होने का पता चला, दोनों ने पहले तो मान लिया कि फोन चोरी हो गया होगा. बाद में उन्हें शक हुआ कि शायद वह रिक्शा में ही छूट गया. लेकिन मुश्किल यह थी कि UPI पेमेंट की डिटेल्स में केवल आईडी दिख रही थी, कोई मोबाइल नंबर नहीं. ऐसे में उन्हें लगने लगा कि फोन वापस मिलना नामुमकिन है.
रिक्शा चालक की ईमानदारी और UPI का कमाल
कहानी में मोड़ तब आया जब पति को अचानक एक SMS मिला ‘Rs 1 credited to your Bank Account.’ यह रकम उसी ई-रिक्शा चालक ने भेजी थी, जिसके साथ उनका किराया चुकाया गया था. ट्रांजैक्शन के साथ उसने मैसेज भी छोड़ा था, ‘Plz call’ साथ ही मैजेस में मोबाइल नंबर भी भेजा था. जैसे ही पति ने उस नंबर पर कॉल किया, रिक्शा चालक ने फोन वापस देने की बात कही. थोड़ी ही देर में वह खुद फोन लेकर पहुंच गया.
इंसानियत और तकनीक की मिसाल
दंपति के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं था. अगर किराया नकद में चुकाया गया होता, तो शायद फोन वापस मिलना मुश्किल था. उन्होंने रिक्शा चालक को धन्यवाद देते हुए नकद इनाम भी दिया. इस घटना ने साबित कर दिया कि UPI सिर्फ भुगतान का जरिया ही नहीं, बल्कि मुश्किल वक्त में लोगों को जोड़ने का साधन भी बन सकता है.