कौन है रंजन पाठक, जिसने अपराध की दुनिया में मचाया कोहराम, दिल्ली पुलिस ने अब किया एनकाउंटर में ढेर

Who is Ranjan Pathak: दिल्ली और बिहार पुलिस ने दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक एनकाउंटर में 4 बदमाशों को ढेर किया. इनमें बिहार का रहने वाला रंजन पाठक सबसे अधिक चर्चा में रहा और ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर यह कौन है और अपराध की दुनिया में इसने कैसे आतंक मचा रखा था.

0
9
Ranjan Pathak
Ranjan Pathak

Who is Ranjan Pathak: दिल्ली के रोहिणी इलाके में 22-23 अक्टूबर 2025 की देर रात एक ताबड़तोड़ एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस और बिहार पुलिस ने मिलकर 4 खूंखार अपराधियों को मार गिराया. इनमें सबसे बड़ा नाम था रंजन पाठक, जो कुख्यात ‘सिग्मा गैंग’ का सरगना था. यह गैंग बिहार और नेपाल की सीमा पर आपराधिक गतिविधियों के लिए कुख्यात था. आइए जानते हैं, कौन था रंजन पाठक और उसका गैंग, जिसने बिहार से लेकर नेपाल तक दहशत फैला रखी थी.

रोहिणी के बहादुर शाह मार्ग पर डॉ. अंबेडकर चौक और पंसाली चौक के बीच रात करीब 2:20 बजे यह मुठभेड़ हुई. बिहार पुलिस के साथ मिलकर एक विशेष ऑपरेशन चलाया गया. जैसे ही पुलिस ने अपराधियों को घेरा उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने चारों अपराधियों को ढेर कर दिया. मुठभेड़ के बाद सभी को रोहिणी के डॉ. बीएसए अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित किया गया.

कौन है रंजन पाठक

25 साल का रंजन पाठक बिहार के सीतामढ़ी जिले के सुरसंड थाना क्षेत्र के मलहई गांव का रहने वाला था. वह सिग्मा गैंग का मुखिया था, जिसने बिहार के सीमावर्ती जिलों में आतंक मचा रखा था. रंजन पर हत्या, लूट, अपहरण और रंगदारी जैसे कई गंभीर मामले दर्ज थे. उसकी गिरफ्तारी के लिए पहले 25,000 रुपये और बाद में 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था. रंजन की चालाकी ऐसी थी कि वह हर बार पुलिस को चकमा देकर नेपाल भाग जाता था.

सिग्मा गैंग का आतंक

सिग्मा गैंग बिहार का एक नया लेकिन खतरनाक आपराधिक गिरोह था. यह गैंग तस्करी, सुपारी किलिंग और फिरौती जैसे अपराधों में लिप्त था. सीतामढ़ी, शिवहर और मधुबनी जैसे जिलों में इस गैंग ने कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया. सबसे चर्चित थी ब्रह्मर्षि सेना के पूर्व जिलाध्यक्ष गणेश शर्मा की हत्या. इसके अलावा, मदन कुशवाहा और आदित्य सिंह की हत्या में भी रंजन और उसके साथियों का नाम सामने आया था. गैंग की खासियत थी कि वे बिहार में अपराध करने के बाद नेपाल की सीमा में छिप जाते थे, जिससे पुलिस के लिए उन्हें पकड़ना चुनौतीपूर्ण था.

एनकाउंटर में बरामद हुए हथियार

पुलिस ने मुठभेड़ के बाद अपराधियों के पास से कई खतरनाक हथियार बरामद किए, जिनमें AK-47 राइफल भी शामिल थी. बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि सिग्मा गैंग ने बिहार और नेपाल में कई संगीन अपराधों को अंजाम दिया था. इनके पास से मिले हथियार और सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह गैंग बेहद खतरनाक था.

मारे गए अन्य अपराधी

रंजन पाठक के साथ इस एनकाउंटर में तीन अन्य अपराधी भी मारे गए: बिमलेश महतो (उर्फ बिमलेश साहनी): 25 वर्ष, रतनपुर, बजपट्टी, सीतामढ़ी. मनीष पाठक: 33 वर्ष, मलहई, सुरसंड, सीतामढ़ी, अमन ठाकुर: 21 वर्ष, शेरपुर, करावल नगर, दिल्ली.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here