आनंदपुर साहिब में इतिहास उस क्षण लिखा गया, जब श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर पंजाब सरकार ने दुनिया का पहला धार्मिक ड्रोन शो प्रस्तुत किया.
हजारों श्रद्धालुओं और मेहमानों की मौजूदगी में आसमान तीन हजार से अधिक ड्रोन की रोशनी से जगमगा उठा, जो गुरु जी के जीवन, संघर्ष और बलिदान की कथा को अनोखे अंदाज़ में प्रस्तुत कर रहा था. यह आयोजन न सिर्फ तकनीक का अद्भुत प्रयोग था, बल्कि सिख विरासत को आधुनिक तरीके से सम्मान देने की एक मिसाल भी बना.
अद्भुत दृश्य: ड्रोन ने लिखी गुरु तेग बहादुर जी की गाथा
शाम ढलते ही जैसे ही ड्रोन आसमान में उठे, पूरे मैदान में उत्सुकता की लहर फैल गई. तीन हजार से अधिक ड्रोन ने पवित्र खंडा का आकार बनाकर वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया. इसके बाद ड्रोन ने गुरु तेग बहादुर जी के ध्यान, बंदीगृह की घटनाओं और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए उनकी शहादत की झलकियों को रोशनी से उकेरा. यह दृश्य श्रद्धालुओं के लिए भावनात्मक और ऐतिहासिक अनुभव बन गया.
सरकार की पहल: तकनीक और परंपरा का संगम
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन सिख विरासत का आधुनिक रूप में सम्मान है. उन्होंने बताया कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत धार्मिक स्वतंत्रता की सर्वोच्च मिसाल है, और इस संदेश को तकनीक के माध्यम से वैश्विक स्तर पर पहुंचाना समय की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने इसे पंजाब की प्रगतिशील सोच और सांस्कृतिक सम्मान का प्रतीक बताया.
तकनीकी तैयारी: महीनों की प्लानिंग और सटीकता
ड्रोन शो तैयार करने वाली तकनीकी टीम के अनुसार, इस कार्यक्रम में महीनों की तैयारी लगी. विशेषज्ञों ने सिख विद्वानों और एसजीपीसी के साथ मिलकर हर प्रतीक और दृश्य को धार्मिक रूप से उपयुक्त बनाने पर गहन काम किया. टीम ने विशेष रूप से ध्यान दिया कि किसी भी धार्मिक चिन्ह या कथा को प्रस्तुत करते समय सम्मान और सटीकता में कोई कमी न रहे.
सोशल मीडिया पर धमाल: देशभर में सराहना
कार्यक्रम के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो वायरल होने लगे. ड्रोन शो से जुड़े हैशटैग राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेंड करने लगे, जहां विभिन्न धर्मों के लोगों ने इस अभिनव प्रस्तुति की प्रशंसा की. अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी इस आयोजन को तकनीक और आध्यात्मिकता के अनोखे मेल का उदाहरण बताते हुए सराहा.
भविष्य की योजना: विश्वभर में पहुंचेगा यह संदेश
धार्मिक विद्वानों और नेताओं ने इस पहल को युवा पीढ़ी को अपनी विरासत से जोड़ने का प्रभावी तरीका बताया. पंजाब सरकार ने घोषणा की कि इस ड्रोन शो को दस्तावेजी रूप में संजोकर वैश्विक शैक्षणिक संस्थानों तक पहुंचाया जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि यह आयोजन दिखाता है कि किस तरह आधुनिक तकनीक के माध्यम से परंपरा, आस्था और इतिहास को नए रूप में जीवंत किया जा सकता है.














