त्योहारी मौसम में जहां उत्तर भारत में हल्की ठंड दस्तक देने लगी है, वहीं दक्षिण भारत में मानसून की विदाई से पहले एक बार फिर बारिश का दौर शुरू हो गया है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि अगले एक हफ्ते तक केरल, तमिलनाडु और आसपास के तटीय इलाकों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है.
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार की बारिश फसलों और जलस्रोतों के लिए तो फायदेमंद होगी, लेकिन निचले इलाकों में जलभराव की समस्या भी बढ़ा सकती है.
केरल-तमिलनाडु में जारी रहेगा भारी बारिश का दौर
मौसम विभाग के मुताबिक, 20 अक्टूबर तक केरल, तमिलनाडु और माहे में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. इसके साथ ही बिजली कड़कने और तेज हवाओं के भी आसार हैं. मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में नमी से भरे बादल लगातार सक्रिय हैं, जिससे दक्षिणी प्रायद्वीप में बारिश की तीव्रता बनी रहेगी. यह स्थिति अगले सात दिनों तक जारी रह सकती है.
कर्नाटक, आंध्र और लक्षद्वीप में भी बरसेंगे बादल
IMD की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम और रायलसीमा में 16 अक्टूबर तक बारिश का दौर जारी रहेगा. वहीं, लक्षद्वीप द्वीप समूह में 16 से 18 अक्टूबर के बीच गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई है. समुद्री क्षेत्रों में मछुआरों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है क्योंकि समुद्र में लहरों की ऊंचाई सामान्य से अधिक हो सकती है.
महाराष्ट्र और गोवा में गरज के साथ छींटे पड़ने के आसार
मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, कोंकण और गोवा में 14 से 17 अक्टूबर के बीच बिजली चमकने और गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने इन इलाकों में बिजली गिरने की संभावना के चलते लोगों को खुले मैदानों और पेड़ों के नीचे रुकने से बचने की सलाह दी है. किसानों को भी फसलों की सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाने की चेतावनी दी गई है.
उत्तर भारत में ठंडी हवाओं का असर जारी रहेगा
वहीं, उत्तर-पश्चिम भारत में तापमान सामान्य से थोड़ा नीचे बना हुआ है. स्काइमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत के अनुसार, फिलहाल किसी तीव्र पश्चिमी विक्षोभ की संभावना नहीं है. उन्होंने बताया कि अगले कुछ दिनों में तापमान में हल्की गिरावट जारी रहेगी और सुबह-शाम की ठंडक और बढ़ेगी. इसका असर विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इलाकों में देखने को मिलेगा.
मौसम विभाग के अनुसार, यह बदलाव मौसमी संक्रमण काल का संकेत है, जिसमें दक्षिण में बारिश और उत्तर में ठंड की शुरुआत एक साथ देखने को मिल रही है.