सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम अब किशोरों के लिए सुरक्षित बनने की दिशा में नया अध्याय खोल रहा है. मेटा ने मंगलवार को एक व्यापक सुरक्षा नीति की घोषणा की, जिसके तहत अब हर टीन अकाउंट को डिफॉल्ट रूप से ‘PG-13’ मोड में रखा जाएगा.
इस कदम का उद्देश्य युवाओं को अनुचित और हानिकारक सामग्री से दूर रखना है, जो अक्सर सोशल मीडिया की खुली दुनिया में उनकी मानसिक और भावनात्मक स्थिति को प्रभावित करती है.
PG-13 कंटेंट फिल्टर रखेगा हिंसक पोस्ट से दूर
नई नीति के तहत किशोरों के अकाउंट अपने आप उन पोस्ट से दूर रहेंगे, जिनमें अश्लीलता, नशीले पदार्थों का प्रचार, हिंसक भाषा या खतरनाक स्टंट्स दिखाए जाते हैं. मेटा का कहना है कि यह वही स्तर है जो हॉलीवुड की PG-13 रेटेड फिल्मों में लागू होता है. कंपनी के अनुसार, किशोर अब बिना पैरेंटल अप्रूवल के इन सेटिंग्स में बदलाव नहीं कर सकेंगे. मेटा ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘इसमें ऐसे पोस्ट छिपाए जाएंगे या सुझाए नहीं जाएंगे, जिनमें तीखी भाषा, खतरनाक हरकतें, या ऐसी चीजें हों जो नुकसानदेह व्यवहार को प्रेरित कर सकती हैं, जैसे मारिजुआना से जुड़ी वस्तुएं.’
अभिभावकों को मिलेगा ‘Limited Content’ का नया हथियार
मेटा ने माता-पिता को अधिक नियंत्रण देने के लिए एक और विकल्प जोड़ा है- ‘Limited Content’ सेटिंग. यह विकल्प उन माता-पिता के लिए है जो अपने बच्चों को और ज्यादा सुरक्षित डिजिटल माहौल देना चाहते हैं. इस मोड में किशोर न केवल कई प्रकार की पोस्ट नहीं देख सकेंगे, बल्कि वे किसी भी पोस्ट पर कमेंट नहीं कर पाएंगे और न ही कमेंट प्राप्त कर सकेंगे.
इसके अलावा, इंस्टाग्राम अब किशोरों को उन अकाउंट्स से भी दूर रखेगा जो बार-बार उम्र-अनुपयुक्त या सुझावात्मक कंटेंट शेयर करते हैं. जिन किशोरों ने पहले से ऐसे अकाउंट फॉलो किए हैं, उनकी फॉलो लिस्ट से वे स्वतः हट जाएंगे, और ऐसे अकाउंट उन्हें मैसेज भी नहीं कर पाएंगे.
AI चैट्स भी होंगी अब ‘सेंसर्ड’
मेटा ने कहा है कि PG-13 नीति अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैट्स पर भी लागू होगी, यानी इंस्टाग्राम के AI अब ऐसे जवाब नहीं देंगे जो किशोरों के लिए अनुचित या असहज हों. कंपनी का कहना है कि एआई बातचीत उसी सीमा में रखी जाएगी जैसे किसी PG-13 फिल्म में संवाद होते हैं, यानी संयमित और उम्र के अनुकूल.
बढ़ती आलोचना के बीच मेटा का जवाब
पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया पर किशोरों की सुरक्षा को लेकर वैश्विक चिंता बढ़ी है. कई रिपोर्ट्स में बताया गया कि आत्महत्या, ईटिंग डिसऑर्डर और हिंसा से जुड़ा कंटेंट अभी भी टीन यूजर्स तक पहुंच रहा था. मेटा की नई पहल इसी आलोचना का जवाब है. अब कंपनी ने उन सभी सर्च टर्म्स को भी ब्लॉक करने का ऐलान किया है जिनमें शराब, खूनखराबा या विकृत शब्दावली का इस्तेमाल होता है- भले ही वे जानबूझकर गलत स्पेलिंग में लिखे गए हों.
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव सोशल मीडिया के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक हो सकता है, क्योंकि यह सिर्फ कंटेंट नहीं, बल्कि व्यवहार और तकनीक दोनों को फिल्टर करने का प्रयास है.