न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएन पर तंज कसा है. दरअसल, जैसे ही भवन में पहुंचे, एस्केलेटर अचानक बीच में रुक गया और उसके बाद भाषण शुरू करते वक्त टेलीप्रॉम्प्टर ने काम करना बंद कर दिया. ट्रंप ने इन दोनों घटनाओं को लेकर कहा कि ‘संयुक्त राष्ट्र से मुझे दो ही चीजें मिलीं ‘एक खराब एस्केलेटर और दूसरा खराब टेलीप्रॉम्प्टर’
भवन में प्रवेश करते ही जब एस्केलेटर अचानक रुक गया, तो ट्रंप ने इसे भी अपने भाषण में शामिल किया. उन्होंने कहा, ‘अगर फर्स्ट लेडी फिट नहीं होतीं, तो गिर जातीं, लेकिन वे शानदार फिटनेस में हैं. हम दोनों ने खुद को संभाला. यही मिला संयुक्त राष्ट्र से बीच रास्ते में रुकता एस्केलेटर’ इस व्यंग्य के जरिए उन्होंने साफ कर दिया कि छोटी घटनाओं को भी वह राजनीतिक तंज में बदलने से नहीं चूकते.
टेलीप्रॉम्प्टर की गड़बड़ी और तंज
टेलीप्रॉम्प्टर न चलने पर ट्रंप ने बिना स्क्रिप्ट के भाषण देना शुरू किया. उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, ‘मुझे बिना टेलीप्रॉम्प्टर के बोलने में कोई दिक्कत नहीं, लेकिन जिसने इसे संभाला है, वह अब बड़ी मुसीबत में है.’ ट्रंप ने इसे संयुक्त राष्ट्र की तैयारी पर सवाल उठाने का मौका बना लिया. उन्होंने कहा कि ऐसे ‘छोटे-छोटे हादसे’ संस्था की लापरवाही को दिखाते हैं.
पुराना विवाद और भवन का नवीनीकरण
ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के नवीनीकरण का पुराना किस्सा भी दोहराया. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इसे बेहतर बनाने की योजना दी थी, तब मार्बल की जगह टेराजो फर्श का चुनाव कर लिया गया. ‘आज भी काम अधूरा है, और अब तो एस्केलेटर भी ठीक से नहीं चलते,’ ट्रंप ने तंज कसा. उन्होंने अपने अंदाज में इसे ‘बेकार फैसले और खराब प्रबंधन’ की मिसाल बताया.
‘गोल्डन एज ऑफ अमेरिका’ और राजनीतिक संदेश
भाषण के दौरान ट्रंप ने खुद के शासनकाल को ‘गोल्डन एज ऑफ अमेरिका’ बताया. साथ ही, उन्होंने अपने आलोचनात्मक अंदाज में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को भी सवालों के घेरे में रखा. एस्केलेटर और टेलीप्रॉम्प्टर की खराबी पर चुटकी लेते हुए उन्होंने इसे सिर्फ तकनीकी गड़बड़ी नहीं, बल्कि यूएन की संपूर्ण कार्यशैली का प्रतीक बताया. इससे साफ है कि ट्रंप का निशाना महज घटनाओं पर नहीं, बल्कि संगठन की क्षमता और प्रबंधन पर था.